हाइलाइट्स:पंजाब में मचा हा सियासी घमासान, कांग्रेस में है फूटमुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार बढ़ रहीदिल्ली में अमरिंदर सिंह की पेशी के बाद अब पंजाब कैबिनेट और कांग्रेस संगठन में हो सकते हैं बदलावचंडीगढ़राहुल गांधी और तीन सदस्यीय खड़गे पैनल ने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ बातचीत की। लंबी वार्ता के बाद ऐसे संकेत हैं कि पंजाब में कैबिनेट और संगठन दोनों में बदलाव हो सकता है।मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लंबित चुनावी वादों पर एआईसीसी की ओर से नियुक्त पैनल के साथ तीन घंटे की बैठक की और राहुल ने कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के एक समूह के साथ अगले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा की।राहुल खुद पंजाब में ले रहे दिलचस्पीराहुल के साथ बैठक के बाद, लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, ‘मुद्दों को लगभग एक सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा और कुछ पुराने चेहरों के साथ एक नई टीम बनाई जा सकती है। 2022 में होने वाले विधानसभी चुनावों से पहले नए कैबिनेट या पीपीसीसी के गठन के बारे में भी चर्चा है। अच्छी बात यह है कि राहुल खुद पंजाब में पार्टी सुधार के तरीकों में दिलचस्पी ले रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव कैसे जीता जाए?’अमरिंदर ने चुनावी वादों पर सफाई दीमुख्यमंत्री ने खड़गे पैनल को बेअदबी के मुद्दे और अन्य प्रमुख अधूरे वादों के बारे में एक विस्तृत अपडेट दिया। दावा किया गया कि पार्टी ने घोषणापत्र के 85 फीसदी वादे पूरे कर लिए हैं। उन्होंने पैनल को यह भी बताया कि पिछली एसआईटी ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली थी लेकिन फिर अदालत का फैसला आ गया और नई एसआईटी बनाई गई है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही इसकी जांच पूरी करने की संभावना है।सलमान खुर्शीद के साथ कैप्टन ने किया लंचखड़गे समिति के सदस्य जेपी अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ लंबी चर्चा में चुनावी वादों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया ताकि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। पैनल से मुलाकात के बाद अमरिंदर सलमान खुर्शीद के साथ राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी के साथ लंच करने गए। हालांकि, उनकी सोनिया गांधी या राहुल के साथ कोई बैठक निर्धारित नहीं थी।अमरिंदर के खिलाफ एक गुट में असंतोषसूत्रों ने बताया कि राहुल से मुलाकात करने वाले मंत्रियों और विधायकों के एक वर्ग ने उनसे बातचीत में अपनी ही सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया। राहुल ने विधायकों और मंत्रियों से अगले विधानसभा चुनाव के लिए सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व के बारे में भी पूछा।राज्य मंत्रिमंडल में ओबीसी का अधिक प्रतिनिधित्व का मुद्दा, और नौकरशाही के प्रभाव को लेकर भी नेताओं के एक वर्ग ने उठाया। राहुल को एक सूची भी दी गई, जो रिटायरमेंट के बाद ब्यूरोक्रेट्स के फिर से नियुक्ति की थी। यह भी बताया गया कि सांसद अब सक्रिय हो रहे हैं, जबकि पार्टी के विधायकों को अगले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना है।राहुल से मिलने वाले नौ नेताओं में कैबिनेट मंत्री तृप्त सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा विधायक संगत सिंह गिलजियान, परगट सिंह, रणदीप सिंह नाभा, पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी और अन्य शामिल थे। सिद्धू के बयानों पर पार्टी ने संज्ञान लिया हैसिद्धू के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि इस मुद्दे को लगभग हर नेता और पार्टी नेतृत्व ने उठाया है और पैनल ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि वे मीडिया में सिद्धू के बयानों से हैरान हैं। हर कोई परेशान है। ऐसे समय में उनका बयान आ रहा है, जब पैनल विभिन्न मुद्दों पर काम कर रहा है। किसी को भी यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह इतनी बड़ी पार्टी के लिए वह खास है। खासकर तब, जब कोई लंबे समय से घर के अंदर हो और बाहर की वास्तविकता से उसका कोई संपर्क न हो।सिद्धू को पीपीसीसी चीफ बनाने के खिलाफ अमरिंदरबिट्टू ने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि यह अनुशासन है? मुख्यमंत्री की नियुक्ति सोनिया जी ने की है। जब आप खुद कैबिनेट का हिस्सा थे और दावा करते थे कि आपकी किसी ने नहीं सुनी। जब वह स्थानीय निकाय मंत्री थे तो उनका क्या परफॉर्मेंस था?’ सूत्रों ने कहा कि जहां सिद्धू ने डेप्युटी सीएम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, वहीं अमरिंदर पीपीसीसी प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति के खिलाफ हैं।अमरिंदर और सिद्धू