नई दिल्ली: विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को सरकारी एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक चिट्ठी लिखी है। पत्र लिखने वालों में 9 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हैं। इस पत्र में उन्होंने दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया का भी जिक्र किया है। चिट्ठी लिखने वालों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का भी नाम शामिल है। केजरीवाल के अलावा पत्र लिखने वालों में के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, भगवंत मान, तेजस्वी यादव, फारुख अबदुल्ला, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और अखिलेश यादव के नाम भी हैं। 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में क्या कहाविपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को सरकारी ऐजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री जी आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ लगातार केंद्रीय जांच एजेसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इससे देश में एक निरंकुश तंत्र की स्थापना हो रही है। मनीष सिसोदिया का उदाहरण देते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि सिसोदिया को 26 फरवररी को शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। यह एक सियासी साजिश लग रही है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से देश में लोग खफा हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने दिल्ली की स्कूलों में सुधार के जरिए अपनी पहचान बनाई थी। उनकी गिरफ्तारी से लोग गलत मतलब निकाल रहे हैं। पत्र में असम के सीएम और शुभेंदु अधिकारी का नाम भी शामिलपत्र में आगे लिखा गया कि 2014 के बाद से देश में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जितनी भी कार्रवाई की उनमें अधिकांश विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ही थीं। जिन नेताओं ने बाद में बीजेपी का दामन था लिया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का उदाहरण देते हुए पत्र में कहा गया कि हिमंत विस्व सरमा के खिलाफ साल 2014 और 2015 में सारदा चिट फंड घोटाले में जांच की थी। यह जांच सीबीआई ने की थी। बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया। इसी तरह टीएमसी से भाजपा में आए शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय के खिलाफ चल रही नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में जांच भी बंद नहीं कर दी है।