नई दिल्ली/पटनाबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय बाद मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे। नीतीश कुमार पहली बार नवनिर्मित बिहार सदन में ठहरेंगे। बिहार के सीएम के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह की अटकलों का बाजार गरम है। दरअसल इस दौरे की टाइमिंग के चलते चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सीएम नीतीश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुलाकात होगी या नहीं, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। आइए उनपर एक-एक कर नजर डालते हैं।मोदी कैबिनेट में JDU के नेताओं की होगी एंट्री?चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कैबिनेट विस्तार करेंगे। ऐसे में अटकलें तेज हैं कि इस बार मंत्रि परिषद में जेडीयू भी शामिल हो सकता है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार जेडीयू के उन नेताओं का नाम फाइनल करने पहुंचे हैं जिन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। माना जा रहा है कि इस दौरे पर सीएम केंद्र के साथ ये भी तय करने की कोशिश करेंगे कि उनकी पार्टी के नेताओं को केंद्र में कौन-कौन सा पोर्टफोलिया दिया जाएगा। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि डील के मुताबिक जेडीयू के तीन नेता मोदी कैबिनेट में जगह पा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि मुंगेर से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ RCP सिंह और पूर्णिया से सांसद संतोष कुशवाहा को जेडीयू कोटे से मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा ये भी दोनों दलों के बीच तस्वीर साफ नहीं हो पाई कि बीजेपी नीतीश की मांग को मानते हुए जेडीयू के तीन नेताओं को मंत्री बनाने को तैयार है भी या नहीं। माना जा रहा है कि दोनों दलों के बीच इस बात को लेकर पेंच फंसा है कि तीन मंत्रियों में कितने को कैबिनेट और कितने को राज्य मंत्री का पद मिल सकता है। इसके अलावा इनका पोर्टफोलियो क्या होगा यह भी तय नहीं हुआ है। सीएम नीतीश कुमार इस दिल्ली दौरे पर इन्हीं मुद्दों को सुलझा सकते हैं। यहां बता दें कि जातीय समीकरण के हिसाब से ललन सिंह भूमिहार, आरसीपी सिंह कुर्मी और संतोष कुशवाहा समाज से आते हैं।बिहार के ‘बुझते’ चिराग में आखिर तेल क्यों डाल रही है लालू की पार्टी?नीतीश के दौरे से बीजेपी से चिराग की बढ़ेगी दूरियां?राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि क्या नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे से क्या चिराग पासवान और बीजेपी के रिश्तों में दूरियां बढ़ेगी? दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जेडीयू को भारी नुकसान पहुंचाया था। इसका बदला जेडीयू ने बेहद खतरनाक तरीके से लिया है। माना जाता है कि जेडीयू नेताओं की शह पर एलजेपी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में बगावत कर दी है। पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान को एलजेपी अध्यक्ष पद से हटाकर खुद इस कुर्सी पर बैठ गए हैं। पूरे घटनाक्रम पर जेडीयू फ्रंटफुट पर आकर बयान दे रही है वहीं बीजेपी मौन साधे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद को हुनमान बताने वाले चिराग पासवान इस वक्त अकेले दिख रहे हैं।समस्तीपुर में बीच सड़क पर मिली लड़की की लाशइसी बीच केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के बीच इस बात की भी सुगबुगाहट है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से कैबिनेट में खाली हुआ मंत्रिपद एलजेपी अपने लिए चाह रही है। मंत्रीपद के लिए चिराग पासवान के साथ उनके चाचा पशुपति कुमार पारस भी उम्मीदें लगाए हुए हैं। इससे जुड़े एक सवाल पर जेडीयू चीफ आरसीपी सिंह ने कहा कि चिराग अगर शेर के बेटे हैं तो पशुपति पारस भी तो शेर के भाई हैं ना। आरसीपी का यह बयान आने के बाद इस बात की भी अटकलें हैं कि अगर केंद्र में चिराग पासवान को के मंत्री बनने की अगर थोड़ी भी कहीं उम्मीद होगी तो उसे नीतीश कुमार अपने इस दिल्ली दौरे पर पूरी तरह खत्म कर देंगे। क्योंकि इस वक्त नीतीश कुमार पूरी तरह से पशुपति कुमार पारस के पीछे खडे दिख रहे हैं।जब कोरोना के सामने ढाल की तरह खड़ी हो गई बिहार की युवा शक्तिजेडीयू-बीजेपी के रिश्तों पर हो सकती है बातबिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के तीसरे नंबर की पार्टी होने के बाद भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की दखल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं। हाल के दिनों में लॉकडाउन लगाने, बांका मस्जिद ब्लॉस्ट समेत कई मुद्दों पर बिहार बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बयानों में विराधाभास दिख चुका है। कई मौकों पर दोनों दलों के प्रवक्ता आमने-सामने भी हो चुके हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नीतीश कुमार के इस दिल्ली दौरे पर इन मसलों पर भी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बात हो सकती है।Bihar Politics : ‘आजकल के इंजन की पावर इतनी है कि अब डबल इंजन की जरूरत नहीं’, आरसीपी सिंह ने क्यों कहा?देश के राजनीतिक हालात पर भी हो सकती है चर्चाएनसीपी प्रमुख शरद पवार और सैफोलॉजिस्ट (Psephologist) प्रशांत किशोर की ओर से विभिन्न विपक्षी दलों के साथ बैठकें किए जाने से दिल्ली में राजनीतिक गहमागहमी जोरों पर है। ऐसे में ये भी संभावना है कि विपक्ष के दांव को कुंद करने के लिए एनडीए का अगला कदम क्या होगा इसपर भी बीजेपी के शीर्ष नेताओं और नीतीश कुमार के बीच बातचीत हो सकती है।जेडीयू बोली, नीतीश का यह प्राइवेट दिल्ली दौराCM नीतीश के दिल्ली दौरे पर जूडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा है कि वह प्राइवेट यात्रा पर जा रहे हैं। उन्हें अपनी आंखों का इलाज कराना है। CM नीतीश के दिल्ली दौरे से मंत्रिमंडल विस्तार का कोई लेना-देना नहीं है।