नई दिल्‍लीगृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पाकिस्‍तान को खुली चेतावनी दी। उन्‍होंने दो-टूक कहा कि पााकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उस पर 2016 की तरह और सर्जिकल स्‍ट्राइक की जा सकती हैं। उन्‍होंने यह चेतावनी कश्‍मीर में बिगड़े हालातों के बीच दी है। दूसरा, केंद्रीय गृह मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जब सोमवार को आतंकी मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद लगातार पाकिस्‍तान को सबक सिखाने की बात की जा रही है।पाकिस्‍तान को चेतावनी ठीक है। हालांकि, एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि अभी पाकिस्‍तान से बड़ा खतरा चीन है। उसी की शह पर पाकिस्‍तान उछल रहा है। चीन भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहता है। इस गेम में उसने चमचे पाकिस्‍तान को लगाया हुआ है। ऐसे में पाकिस्‍तान के साथ चीन को लेकर भी हमें मुस्‍तैद रहने की जरूरत है। माइंडगेम खेल रहा चीनभाारत के साथ चीन माइंडगेम खेल रहा है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन की आपत्ति भी उसी माइंडगेम का हिस्‍सा है। चीन भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति व्यक्त करता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। अरुणाचल पर चीन की चाल पुरानी, अक्साई चिन लेकर डील चाहता है ड्रैगन, वाजपेयी और राजीव गांधी को हुई थी रिझाने की कोशिशउपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सप्ताहांत में अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में नायडू के इस दौरे पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि चीन ने कभी राज्य को मान्यता नहीं दी। भारत ने चीन की आपत्ति को बुधवार को सिरे से खारिज कर साफ कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का ‘अटूट और अभिन्न’ हिस्सा है। सिक्‍योरिटी एनालिस्‍ट पथिकृत पायने ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में अहम बात कही। उन्‍होंने कहा कि चीन के साथ आंखों में आंखें डालकर देखने की जरूरत है। उसके साथ हमारा स्‍टैंड कहीं भी नरम नहीं पड़ना चाहिए। क्‍या है चीन की मंशा?पायने ने कहा कि चीन भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहा है। उसके इरादे नेक नहीं हैं। वह कुछ बड़ा करने की फिराक में है। वह ताइवान, दक्षिण चीन सागर या भारतीय सीमा पर कुछ गड़बड़ी कर सकता है। इसलिए भारत को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, चीन में कई आंतरिक मसले हैं। उसका रियल एस्‍टेट सेक्‍टर गंभीर संकट से जूझ रहा है। यह सेक्‍टर उसके जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) का 30 फीसदी है। सेक्‍टर पर तमाम तरह की बंदिशों के कारण इसे सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अमीर उद्यमियों को निशाना बनाए जाने की भी खबरें हैं। उन पर तरह-तरह की बंदिशें लगाई जा रही हैं। गंभीर बिजली संकट से भी वह गुजर रहा है। इन सभी बातों से वहां के मध्‍य वर्ग में असंतोष बढ़ रहा है। लोगों का ध्‍यान भटकाने के लिए इस बात की काफी प्रबल संभावना है कि चीन ताइवान, दक्षिण चीन सागर या भारतीय सीमा पर कुछ गड़बड़ी कर सकता है। India China Border Row : कैलाश रेंज से हटकर भारत ने कर दी गलती? फिर से आंखें दिखाने लगा चीनचीन की स्‍ट्रैटेजीभूटान, नेपाल, अरुणाचल, सिक्किम, लद्दाख और तिब्‍बत पर चीन का फोकस लगातार रहा है। वह यहां जब-तब हस्‍तक्षेप करता है। इनके जरिये ड्रैगन भारत को घेरने की कोशिश करता है। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का यह खेल पुराना है। अहम यह है कि संपन्‍नता में डूबा चीन का मध्‍य वर्ग अब तक उसकी पॉलिसीज पर सवाल नहीं उठा रहा था। लेकिन, अब उसकी आंखों से पर्दा हट रहा है। ऐसे में चीन कोशिश लोगों का ध्‍यान भटकाने की है। हाल के दिनों में उसके ज्‍यादा आक्रामक होने को इसके साथ जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष के मन भी आशंकाचीन को लेकर भारत में विपक्ष के नेता भी आगाह करते हैं। एनसीपी सांसद माजिद मेमन कहते हैं कि पाकिस्‍तान को दो-टूक चेतावनी देना ठीक है। इसमें वह सरकार के साथ हैं। लेकिन, सिर्फ बातें काफी नहीं हैं। इसमें ऐक्‍शन की जरूरत है। दूसरा, लोग पूछते हैं कि चीन जो हमारी सीमा पर कर रहा है, उसे अक्‍सर नजरअंदाज किया जाता है। कांग्रेस नेता बृजेश कलप्‍पा का कहना है कि सर्जिकल स्‍ट्राइक सिर्फ बीजेपी सरकार ने ही नहीं की है, पहले भी ये हुई हैं। चीन की शह पर पाकिस्‍तान उछलकूद कर रहा है। चीन भारतीय सीमाओं का उल्‍लघंन कर रहा है। हमें उससे निपटने की जरूरत है।