One Nation One Election,EC ने एक साथ चुनावों के लिए ईवीएम-VVPAT खरीद की लागत लगभग 9,300 करोड़ रुपये आंकी थी: रिपोर्ट – ec had estimated rs 9300 cr cost on procurement of additional evms vvpats for simultaneous polls in 2015

नई दिल्ली : इलेक्शन कमिशन ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और पेपर-ट्रेल मशीन की खरीद पर आने वाली लागत लगभग 9,300 करोड़ रुपये आंकी थी। एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट में यह बताया गया है।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित उच्च स्तरीय समिति के एजेंडे में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए साजो-सामान की जरूरत को परखना शामिल है। यह समिति इस कवायद के लिए अतिरिक्त ईवीएम और कर्मियों की जरूरत की पड़ताल करेगी।कानून और कार्मिक विभाग से संबंधित स्थायी समिति दिसंबर 2015 में ‘लोकसभा और राज्य विधानसभाओं’ के लिए चुनाव एक साथ कराने की व्यवहार्यता पर एक रिपोर्ट लेकर आई थी जिसमें इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग की तरफ से दिए गए सुझावों का हवाला दिया गया था।रिपोर्ट में कहा गया था कि आयोग ने एक साथ चुनाव कराने में आने वाली उन कई कठिनाइयों की ओर इशारा किया जिनका सामना करना पड़ सकता है।इसमें जिस मुख्य मुद्दे पर प्रकाश डाला गया था, वह यह था कि एक साथ चुनाव कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों की बड़े पैमाने पर खरीद की जरूरत होगी।रिपोर्ट में कहा गया था कि आयोग का अनुमान है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट की खरीदारी के लिए कुल 9,284.15 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।इसके अलावा ईवीएम मशीन के सक्रिय रहने की अवधि 15 साल है और इसके बाद इसे बदलने की जरूरत पड़ेगी, जिससे खर्च और बढ़ेगा। स्थायी समिति ने निर्वाचन आयोग के सुझाव का हवाला देते हुए कहा कि इन मशीन के भंडारण का खर्च भी बढ़ेगा।सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियां- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड आरवीएम और वीवीपैट बनाती हैं।निर्वाचन आयोग को संसदीय और विधानसभा चुनाव कराने का अधिकार है, राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव कराने का अधिकार है।