Opinion: अभिनव तुम रोना नहीं, मेरा सपना भी तुम पूरा करना… I Am Sorry DAD यहीं तक था कोटा का सफर – kota students suicide news an open letter to parents

प्रिय पापा और मम्मीआज आपकी बहुत याद आ रही है। कोटा में सब कुछ अच्छा है। बस यहां पर खाना अच्छा नहीं मिलता। मिस वाले बहुत तेल और मसालेदार खाना बनाते हैं। कई बार तो रोटियां भी कच्ची ही दे देते हैं। लेकिन ये सब ठीक है। आखिरकार कुछ बड़ा करने के लिए कुछ तो तकलीफें सहनी होंगी। मां हमेशा कहतीं थीं न की कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। तो मुझे आप दोनों का सपना पूरा करना है। वो मैं करके रहूंगा। कई बार आप लोगों की याद में रोना आ जाता है। किताबों में टप-टप कर आंसू गिरने लगते हैं। मेरा रूम मेट मेरी हंसी उड़ाता है। बोलता है कि क्या ये बच्चों के तरह रोना -धोना लगाए रहता है। अब बताइये अभी मैं 10वीं ही तो पास किया हूं। मुझे अभिनव की बहुत याद आती है। हम घर में खूब क्रिकेट खेलते थे। मैं उसका बड़ा भाई हूं लेकिन हम दोनों दोस्त की तरह रहते हैं। अभिनव को खूब खेलने कूदने देना मां और बाबूजी। उसके हिस्से की मेहनत मैं यहां पर कर रहा हूं।कोटा शहर बहुत खूबसूरत है मां। मेरा मन भी बहुत लगता है मगर एक खामोशी है यहां पर। जो रह रहकर शोर मचाती है। उस खामोशी को मैं बहुत गौर से सुन पाता हूं। मां ये शहर सुबह सोता और पूरी रात जागता है। आप सोच रहीं होंगी कि अभिषेक क्या बोल रहा है। हां मां, यहां पर लड़के सारी-सारी रात पढ़ाई करते हैं। सुबह देर तक सोते हैं। फिर सुबह कोचिंग निकल जाते हैं। यहीं जीवन है यहां का। चाय की दुकान में कुछ देर हंसी ठहाके देखने को मिलते हैं बस। मां, यहां पर अकेलापन मुझे परेशान करता है। हर लड़के को तो IIT क्रॉस करना है। यहां पर लाखों बच्चे हैं और सिलेक्शन कुछ हजार का होता है। पापा, प्लीज आप नाराज मत होना अगर मेरे नंबर कम आएं तो। क्योंकि मैं पूरी जी जान लगाकर पढ़ाई कर रहा हूं। पापा, जानते हैं।।।।।नहीं कुछ नहीं।।।।मां, कोटा शहर में भीड़ बहुत है। यहां पर दूर-दराज से लड़के आकर पढ़ाई करते हैं। यहां की सड़कों पर आपको कागज बिछें मिलते हैं। यहां पर लड़के मां सिगरेट और बीयर भी बहुत पीते हैं। लेकिन आप ये मत सोचिएगा कि अभिषेक भी पीता होगा। मैं तो बस आपको यहां का माहौल बता रहा हूं। मेरे लिए सब नया है न।मां, 10वीं में 70 फीसदी ही ला पाया। तब आप दोनों खुश तो हुए थे मगर मुझे लगा कि आप पूरी तरह से खुश नहीं हैं। मां मैं जानता हूं कि CBSE बोर्ड के लिए ये नंबर कम है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की कट ऑफ तो 97 फीसदी तक रहती है। फिर भी पापा ने मेरी भलाई के लिए मुझे कोटा में दाखिला दिलवा दिया। यहां पर मैं अकेला हूं मगर खुश हूं। 10-10 घंटे पढ़ाई भी करता हूं मां। रात में भूख लगती है तो बेसन के लड्डू खा लेता हूं। बाबूजी ने कहा था तो सत्तू ले आया था बाजार से। रात में कभी कभार तो पानी में मिलाकर पी लेता हूं। उससे भूख नहीं लगती। मां एक बात बोलूं आपकी याद बहुत आती है। हर सुबह आपकी डांट से होती थी। फिर दिन में पापा की फटकार शाम में अभिनव से तू-तू मैं-मैं और रात के सब साथ खाना पीना खाकर पापा का सुविचार सुनना।मां और पापा, ये तो रहे मेरे हालचाल मगर मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं। अभिनव को कभी कोटा मत भेजना। वो क्या है न कि एक लड़का आईआईटी कर रहा है। दूसरे को उसकी जिंदगी जी लेने देना। मैं जानता हूं आप वो मां-बाप जिन्होंने कभी अपनी मर्जी नहीं थोपी। आपके कहने पर मैं यहां जरूर आया मगर मन तो मेरा भी था। लेकिन मैं अपने छोटे भाई को कभी कोटा नहीं पढ़ने भेजना चाहता। वो बहुत अच्छा पेंटर है और शतरंज का माहिर है। उसको पापा पेंटिंग या स्पोर्ट्स में आगे कर दो। अभी वो छोटा है। अगर हम अभी से उसको मकसद तक पहुंचाएंगे तो वो बहुत आगे बढ़ जाएगा। मुझे लग रहा है आपके आंसू बह रहे हैं। आपको मुझसे ज्यादा मेरी याद आ रही है। मैं जानता हूं मां कभी-कभी मेरे बारे में सोचते-सोचते चुपचाप रोने लगती है। पापा तो सुपरहीरों हैं। वो कभी नहीं रोते होंगे क्योंकि उनके आंसू आंखों ने नहीं दिल से झरते हैं और दिल से झरने वालें आंसू दिखते नहीं घाव करते हैं।अभिनव मेरे भाई, तुम कभी कोटा नहीं आना। मैं नहीं चाहता कि तुम भी मेरी तरह दिमागी रूप से परेशान हो जाओ। मैं यहां सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई करता हूं। अकेला हो गया हूं। मोबाइल है नहीं तो कई दिनों से ये लेटर लिख रहा हूं। जब मौका मिल पाया था तब भेजा। अभिनव तुम पेंटिंग बनाओ। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करो। हो सकता है कि तुमको घर बैठे ही कहीं से ऑर्डर आ जाएं। तुम बहुत बड़े आर्टिस्ट बन जाओ। अंत में मां-पापा एक बात आपसे बताना भूल गया। भूला नहीं शायद हिम्मत नहीं जुटा पाया। पिछले हफ्ते एक टेस्ट हुआ था पापा। 50 मार्क्स का था। मैं 35 नंबर ला पाया। जो क्लास में सबसे कम थे। सबके नंबर अच्छे थे। कोचिंग वाले बोले कि मार्कशीट घर जाएगी। शायद अब तक पोस्ट भी हो गई होगी लेकिन उससे पहले मैं आप सभी से माफी मांग रहा हूं। मां-पापा आपका सपना अब अभिनव पूरा करेगा। मैं उस लायक नहीं बना।I love You Mom And DaD।।।।MISS YOU SO MUCHअभिनव तुम रोना नहीं बस ये सोच लेना भइया का सपना भी तुमको पूरा करना हैअलविदा।मैं जानता हूं आपकी आंखें नम हो गईं होंगी। लेकिन हकीकत ये है कि कोटा में बच्चों के सपने नहीं बच्चे ही मर रहे हैं। आखिर किताबों की बोझ तले और कितनी मौतें। मत भेजिए कोटा। एक बात समझनी होगी कि जो आप तय करते हैं उसको आप पूरा कर सकते हैं। उसके लिए कोटा जरूरी नहीं है।।।।ये लेटर उन सभी मां और पिता के नाम जो अपने बच्चों के सपने को पूरा करने के लिए कोटा भेजते हैं। मत भेजिए। वो फैक्ट्री है। कल भी कोटा में दो बच्चों ने आत्महत्या कर ली। 2023 अगस्त महीने तक कोटा में 22 बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं।