Compiled by अनुराग मिश्र | Navbharat Times | Updated: Dec 16, 2021, 10:11 AMआज 16 दिसंबर है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार का दिन। 1971 में आज ही के दिन ढाका में पाकिस्तान की सेना ने भारतीय फौज के आगे घुटने टेक दिए थे और दुनिया के मानचित्र पर एक नए मुल्क के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ। तब से लेकर आज तक दोनों देशों के ग्रोथ के आंकड़े देखें तो पाकिस्तान शर्म से पानी-पानी जाएगा। वह आज कहां है, और बांग्लादेश कहां पहुंच गया। जी हां, एक तरफ पाकिस्तान धार्मिक कट्टरता, राजनीतिक अस्थिरता और आतंकियों को पालने के चक्कर में देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा करता गया तो वही बांग्लादेश ने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने पर फोकस किया। समय-समय पर वहां पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वालों ने माहौल खराब करने की कोशिश की लेकिन उनसे सख्ती से निपटा गया। आइए आंकड़ों से कहानी समझते हैं। आज ही के दिन पाकिस्तान ने किया था सरेंडरआइए देखते हैं बांग्लादेश बनने के 50 साल के इस ऐतिहासिक मौके पर आइए देखते हैं कि इस्लामाबाद और ढाका आज कहां खड़े हैं। आबादी के लिहाज से बांग्लादेश दुनिया का आठवां सबसे बड़ा देश है। पाकिस्तान पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। बांग्लादेश ने विकास के लगभग सभी इंडिकेटर्स पर तेजी से प्रगति की है। ​23% ज्यादा GDP1971 में पाकिस्तान 11 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला मुल्क था जबकि बांग्लादेश 9 अरब डॉलर की इकॉनमी। पाकिस्तान कई वर्षों तक बांग्लादेश से आगे रहा लेकिन 2020 आते-आते बांग्लादेश 324 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका था और पाकिस्तान अभी 264 अरब डॉलर की इकॉनमी था।1971 में, औसतन एक बांग्लादेशी का जीवन 47 साल होता था और किसी पाकिस्तानी का 53 साल। 2019 में बांग्लादेशी नागरिक की औसत आयु 73 साल हो गई, जो पाकिस्तानी के 67 साल से 6 साल ज्यादा है।1971 की 5 भीषण लड़ाइयां ज‍िनमें मुंह की खाकर भारत के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो गया पाकिस्‍तान​तेज ग्रोथप्राइमरी सेक्टर पर निर्भरता के चलते दोनों ही देशों- बांग्लादेश और पाकिस्तान की जीडीपी का ग्रोथ रेट घटता-बढ़ता रहा है। 2000 से बांग्लादेश प्रगति पथ पर आगे बढ़ता रहा तो पाकिस्तान की ग्रोथ मंद पड़ गई। पाकिस्तान के राजनीतिक हालात और आतंक प्रेम को देखें तो वजह भी स्पष्ट हो जाती है। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान की तुलना में पश्चिम पाकिस्तान में ज्यादा शहरीकरण और औद्योगिक क्षेत्र था। वह कच्चे माल का एक प्रमुख स्रोत था। साल 2020 तक, बांग्लादेश में पाकिस्तान से थोड़ा ही सही पर ज्यादा शहरीकरण हो चुका है।​बांग्लादेशी खुशहाल, पाकिस्तानियों से पढ़े-लिखे भी ज्यादाउच्च जीडीपी और कम आबादी के चलते बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति GDP पाकिस्तान की तुलना में कहीं ज्यादा है। साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1969 डॉलर थी जो पाकिस्तान की 1194 डॉलर से करीब-करीब दोगुना है।आजादी के समय बांग्लादेश की कुल प्रजनन दर (औसतन एक महिला के बच्चे) 6.9 और पाकिस्तान की 6.6 थी। 1980 के दशक में इसमें बदलाव दिखा और गिरावट दर्ज होती गई। 2019 में बांग्लादेश में शिशुओं की मृत्यु दर 26 (प्रति 1000 जन्म पर) रही, जो पाकिस्तान की IMR 56 से काफी कम है।अर्थव्यवस्था के साथ-साथ बांग्लादेश में सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए। वहां साक्षरता दर बढ़ी, पढ़ने-पढ़ाने के महत्व को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई। 1981 में पाकिस्तान में वयस्कों की साक्षरता दर 25.7 प्रतिशत और बांग्लादेश में 29.2 प्रतिशत थी। 2019 आते-आते पाकिस्तान 58 प्रतिशत तक ही पहुंच सका और बांग्लादेश 74.7 प्रतिशत की साक्षरता दर के साथ आगे बढ़ रहा है। एक्सपोर्ट में भी बांग्लादेश आगेमहामारी के समय की मंदी को छोड़ दें तो साल 2000 के बाद बांग्लादेश की जीडीपी में निर्यात की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। हालांकि पाकिस्तान में यह लगातार फिसलती जा रही है। आयात की बात करें तो दोनों देशों की आयात पर निर्भरता एकसमान है।