हाइलाइट्स:कोरोना महामारी की दूसरी लहर से सही से नहीं निपट पाने से गिरी सरकार की साख में सुधारआईएएनएस-सी वोटर के सर्वे में 16 जून को मोदी सरकार की अप्रूवल रेटिंग 52.1 प्रतिशत रही10 मई को मोदी सरकार की अप्रूवल रेटिंग गिरकर महज 32.4 प्रतिशत पहुंच गई थी7 जून को पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद उनकी सरकार की अप्रूवल रेटिंग में दिख रही बढ़ोतरीनई दिल्ली भारत में अप्रैल-मई के दौरान कोविड-19 की दूसरी लहर ने कहर बरपाया था, जिससे देश के लोगों में केंद्र सरकार के प्रति विश्वास की कमी भी देखी गई, मगर सात जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद से इस दिशा में सुधार होता दिख रहा है। आईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर सर्वे के ताजा आंकड़ों में यह बात सामने आई है।घातक वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार की साख और क्षमता को लेकर देश के नागरिकों के विश्वास में, जो इस साल 16 मार्च को 66.3 प्रतिशत था, मई के मध्य में तेज गिरावट देखी गई। 10 मई को एकत्र किए गए कोविड ट्रैकर डेटा में, केवल 32.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सदी के सबसे खराब संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार की क्षमता में अपना विश्वास व्यक्त किया। ट्रैकर में खुलासा हुआ है कि देश में कोविड संक्रमण और मृत्यु दर बढ़ने के आठ सप्ताह के भीतर नेट रेटिंग 66.3 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई थी।6 साल के बच्चे को अलग कमरे में रखकर दंपती ने कोरोना से जीती जंग, PM मोदी ने की तारीफआईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर के अनुसार, महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार की कुल अनुमोदन रेटिंग 16 जून को 52.1 प्रतिशत तक सुधार गई। जनता की धारणा में यह उछाल सात जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद देखा गया, जब उन्होंने महामारी से निपटने के लिए कई उपायों की घोषणा की।हालांकि, यह उछाल केवल कोविड संकट और टीकाकरण के मुद्दे तक ही सीमित है। सरकार के साथ समग्र संतुष्टि रेटिंग अभी भी लंबी रिवकरी कर्व पर है, जहां ट्रैकर में सामने आया है कि मई के तीसरे सप्ताह में यह स्लाइड बंद हो गई, जब इसने 17 मई को 35 प्रतिशत अंक और अंतिम सप्ताह में 40 प्रतिशत के मील के पत्थर को पार कर लिया।Corona Third Wave: देश में अक्‍टूबर तक आ जाएगी तीसरी लहर, अभी एक और साल कोरोना पीछा छोड़ने वाला नहींवास्तविक सुधार 7 जून को झलकना शुरू हुआ, जब कोविड से निपटने पर अंतत: 13 जून को 50 प्रतिशत के निशान को पार करने से पहले नेट रेटिंग 45 प्रतिशत के निशान को पार कर गई। आईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर से पता चलता है कि यह विश्वास की कमी कम होने लगी और जून के पहले सप्ताह के बाद सरकार के पक्ष में चीजें सुधरने लगीं, जब मोदी ने सभी के लिए मुफ्त कोविड वैक्सीन शॉट्स की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घोषणा की थी कि केंद्र कोविड टीकाकरण की जिम्मेदारी लेगा और 21 जून से 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी भारतीयों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार केंद्रीकृत टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में टीकों की खरीद करेगी और राज्यों को मुफ्त में देगी।ऑक्सिजन, बेड, वैक्सीन… दिल्ली के LG अनिल बैजल और CM अरविंद केजरीवाल के बीच कोरोना की तीसरी लहर पर हुई चर्चाआईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर डेटा से पता चलता है कि केंद्र सरकार के इस फैसले ने देश में टीकाकरण अभियान को लेकर चल रहे भ्रम को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।इसी तरह, डेटा से पता चलता है कि लॉकडाउन और प्रतिबंधित आर्थिक गतिविधियों के कारण होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए दिवाली तक 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन देने को लेकर लोगों का विश्वास वापस जीतने के लिए डैमेज कंट्रोल के तौर पर भूमिका निभाई। दिवाली तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने के केंद्र सरकार के फैसले ने काफी असर डाला और लोगों का विश्वास जीतने में मदद की। इससे डैमेज कंट्रोल में काफी सहायता मिली।यूपी में 1 फीसदी से भी कम हुआ कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज, अगस्त के अंत तक 10 करोड़ को टीका लगाने का लक्ष्यआईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर के डेटा से पता चला है कि वर्कफोर्स में लगभग हर 10वां शख्स अभी भी काम से बाहर है और यहां तक कि जो लोग काम पर वापस आ गए हैं, उनमें से लगभग आधे कर्मचारियों ने कोविड से पहले के समय की तुलना में आय के नुकसान (वेतन कटौती) के बारे में चिंता जताई है।दिवाली तक मुफ्त राशन पहल के मौजूदा विस्तार से आय की कमी को काफी हद तक कवर करने की संभावना है, क्योंकि पिरामिड के निचले हिस्से में यानी गरीबी रेखा के आसापास जीने वाला बहुत बड़ा तबका मुख्य रूप से राशन पर अपनी कमाई खर्च करता है।फाइजर-मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन ने नहीं घटता स्पर्म काउंट, प्रजनन क्षमता को लेकर अफवाह पर लगी रोककेंद्र सरकार का एक और बड़ा फैसला, जिसने आत्मविश्वास बढ़ाने के उपायों में एक बड़ी भूमिका निभाई, वह सीबीएसई की तरफ से आयोजित बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करना है। इस फैसले के ठीक बाद किए गए आईएएनएस-सीवोटर स्नैप पोल में, लगभग 56 प्रतिशत लोगों ने सरकार के फैसले को सही ठहराया है, जबकि लगभग एक तिहाई इसके प्रभाव के बारे में अनिश्चित दिखाई दिए। बहुत कम उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा रद्द करने के निर्णय को अस्वीकार कर दिया है।आईएएनएस/सीवोटर कोविड ट्रैकर डेटा स्पष्ट रूप से बताता है कि कोविड संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार की नेट अप्रूवल रेटिंग में सात जून के बाद से खासतौर पर सुधार शुरू हुआ है। मई के मध्य से नेट रेटिंग में लगभग 15 प्रतिशत का सुधार साफतौर पर दिखाता है कि सरकार डैमेज कंट्रोल मोड पर है। हालांकि, लोगों का विश्वास जीतने और कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंकाओं को दूर करने के लिए केंद्र को स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और उससे जुड़े क्षेत्रों पर बहुत काम करना होगा।