हाइलाइट्स:जम्मू स्थित भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर हुआ हमलाड्रोन्स के जरिए कराया गया विस्फोट, दो कर्मचारी घायलभारत में ड्रोन की मदद से किया गया पहला आतंकी हमलायूएन में उठा मुद्दा, पीएम मोदी ने कल बुलाई है मीटिंगनई दिल्लीदेश पर हुए पहले ड्रोन आतंकी हमले के बाद भारत हर मोर्चे पर सक्रिय हो गया है। एक तरफ, संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय कॉन्फ्रेंस में ड्रोन्स के दुरुपयोग का मसला उठा है। भारत ने साफ कहा कि हथियारबंद ड्रोन्स का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है, इसपर दुनिया को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बुधवार को होने वाली इस बैठक में जम्मू ड्रोन आतंकी हमले पर चर्चा की पूरी संभावना है।यूएन में भारत ने क्या कहा?यूएन में दुनियाभर की काउंटर-टेररिज्म एजेंसियों की उच्चस्तरीय कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने भारत का पक्ष रखा। कौमुदी ने कहा कि ‘सूचना और संचार तकनीक का दुरुपयोग और उभरती तकनीकों का आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल आतंकवाद के सबसे गंभीर खतरे के रूप में उभरा है।’ड्रोन्स का इस्तेमाल चिंता बढ़ाने वाला है। कम लागत का यह विकल्प आसानी से उपलब्ध है। आतंकी समूहों का अपने मकसद के लिए एरियल/सब सरफेस प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है।वीएसके कौमुदी, विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा)कौमुदी ने कहा कि ‘रणनीतिक और व्यापारिक ठिकानों पर आतंकी मकसद पूरा करने के लिए हथियारबंद ड्रोन्स के इस्तेमाल की संभावना पर सभी सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। हमनें आतंकियों को ड्रोन्स के जरिए हथियार बॉर्डर पार कराते देखा है।’पीएम ने बुलाई अहम बैठकअपनी तरह के इस पहले हमले के बाद जांच तेज कर दी गई है। भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी जल्द ही हमले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक प्रजेंटेशन देंगे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक में जम्मू आतंकी हमले से उपजीं परिस्थितियों पर चर्चा के पूरे आसार हैं।