privilege notice against rahul gandhi, 45 साल पहले जब विशेषाधिकार हनन मामले में इंदिरा गांधी को जाना पड़ा था जेल, राहुल को इस बार नोटिस – what is privilege motion 45 years ago indira jailed notice to rahul gandhi

नई दिल्ली: लोकसभा सचिवालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में टिप्पणी को लेकर विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 15 फरवरी तक जवाब तलब किया है। सचिवालय ने राहुल गांधी को बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिये गये विशेषाधिकार हनन नोटिस पर जवाब देने को कहा है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। जिस पर सचिवालय ने 10 फरवरी को गांधी को एक पत्र लिखकर अपना जवाब 15 फरवरी तक पेश करने को कहा है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी सदस्य को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। कुछ साल पहले भी राहुल गांधी को ऐसा नोटिस दिया गया था। कांग्रेस की ओर से भी पीएम मोदी के खिलाफ संसद में विशेषाधिकार का नोटिस दिया जा चुका है। पूर्व में संसद में अधिकांश विशेषाधिकार प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया गया है। अब तक केवल कुछ ही मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। ऐसे में यह भी जानना जरूरी है कि क्या है विशेषाधिकार हनन नोटिस और इसका प्रस्ताव कैसे लाया जाता है। क्या पूर्व में कभी संसद में विशेषाधिकार प्रस्ताव पारित किए गए हैंसंसद में पेश अधिकांश विशेषाधिकार प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया गया है। अब तक केवल कुछ ही मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। अब तक पारित सबसे महत्वपूर्ण विशेषाधिकार प्रस्तावों में से एक 1978 में इंदिरा गांधी के खिलाफ था। तत्कालीन गृह मंत्री चरण सिंह ने आपातकाल के दौरान ज्यादतियों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति शाह आयोग द्वारा की गई टिप्पणियों के आधार पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था। चिकमंगलूर से लोकसभा चुनाव जीतने वाली इंदिरा गांधी को सदन से निष्कासित कर दिया गया था। तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार ने इसके बाद उन्हें संसद सत्र जारी रहने तक के लिए जेल भेज दिया। इंदिरा गांधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप था। इंदिरा गांधी संसद भवन में गिरफ्तारी का आदेश मिलने तक टिकी रहीं। करीब 8 बजे के बाद स्पीकर के हस्ताक्षर वाला अरेस्ट ऑर्डर दिया गया। गिरफ्तारी के बाद वह संसद के उसी दरवाजे से बाहर निकलीं जहां से कभी प्रधानमंत्री की हैसियत से बाहर निकला करती थीं। इनके खिलाफ भी हो चुकी है संसद में कार्रवाई 1976 में सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को विदेशी प्रकाशनों के लिए अपने साक्षात्कारों के माध्यम से संसद का अपमान करने के लिए राज्यसभा से निष्कासित कर दिया गया था। 1961 में, ब्लिट्ज के संपादक आरके करंजिया पर विशेषाधिकार के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया गया था, जब प्रकाशन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता जेबी कृपलानी की सार्वजनिक रूप से निंदा करने वाला एक लेख प्रकाशित किया था। करंजिया को लोकसभा में फटकार लगाई गई और उनके संवाददाता का गैलरी पास रद्द कर दिया गया।क्या होता है विशेषाधिकार हनन, कैसे लाया जाता है प्रस्तावविधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं। सदन के भीतर जब इन विशेषाधिकारों का हनन होता या इन अधिकारों के खिलाफ कोई कार्य होता है तो उसे विशेषाधिकार हनन कहते हैं। स्पीकर से इसकी लिखित शिकायत को विशेषाधिकार हनन नोटिस कहते हैं। इस नोटिस के आधार पर ही स्पीकर की मंजूरी के बाद सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जाता है। यह प्रस्ताव संसद के किसी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है जब उसे लगता है कि सदन में झूठे फैक्ट पेश करने के साथ ही सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया गया है। जब नोटिस को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामनेसाल 2016 में कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री की ओर से एक चुनावी रैली में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी बयान पर संसद में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया था। कांग्रेस नेता शांताराम नाइक ने राज्यसभा में कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। विपक्षी सदस्यों ने इस उठाने का प्रयास किया और तत्कालीन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन करीब आकर नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ इसके पहले भी बीजेपी ने लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। एक वक्त जब संसद के मानसून सत्र में बीजेपी के चार सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। उसके बाद कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और निर्मला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की बात कही थी।