नई दिल्ली: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस ने देश के 722 जिलों में प्रतीकात्मक पैदल यात्राएं निकालने की तैयारी की है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आज से यूरोप का दौरा शुरू हो रहा है, जिसमें उनका चार देशों की यात्रा का कार्यक्रम है। इस यात्रा में वह उन देशों में रहने वाले एनआरआई, भारतीय मूल के लोगों, सांसदों, यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स, उद्योगपतियों व कारोबारियों से मुलाकात व संवाद करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 7 सितंबर को राहुल ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी के अपनी भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की थी। जहां एक ओर इस हफ्ते देश में जी 20 जैसा अंतराष्ट्रीय आयोजन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी इस दौरान यूरोप के अलग-अलग देशों में समाज के अलग-अलग लोगों तक रीच आउट करने की कोशिश करेंगे।राहुल गांधी के इस दौरे के आयोजन के पीछे कांग्रेस का संगठनात्मक विभाग ओवरसीज कांग्रेस है। उसी ने इस पूरे कार्यक्रम का खाका तैयार किया है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं होगा, जब राहुल गांधी विदेश जाकर वहां लोगों के बीच संपर्क और संवाद कर रहे हों। राहुल गांधी का दौरा यूराेपीय देश बेल्जियम से शुरू हो रहा है। जहां वह गुरुवार को राजधानी ब्रसेल्स पहुंचेंगे। जहां वह ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के सांसदों से मिलेंगे और विचार-विमर्श करेंगे। जबकि उसके बाद वह वहां की सिविल सोसाइटी के लोगों व एनआरआई व भारतीय मूल के लोगों के साथ मुलाकात करेंगे। राहुल उनके साथ भोजन भी करेंगे।वहीं 8 सितंबर को राहुल गांधी जहां स्थानीय मीडिया से संवाद करेंगे, वहीं वह ब्रेकफास्ट पर उद्योगपतियों और कारोबारियों से भी मुलाकात करेंगे। उसी दिन राहुल फ्रांस रवाना हो जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, 9 सितंबर को राहुल गांधी फ्रांस के सांसदों के साथ संवाद करेंगे। उसके बाद राजधानी पेरिस स्थित ‘साइंसेज पो यूनिवर्सिटी’ और इनालको यूनिवर्सिटी में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में स्टूडेंट्स के साथ बातचीत करेंगे। जबकि 10 सितंबर को राहुल हाॅलैंड पहुंचेंगे। जहां वह 400 साल पुरानी लाइडिन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे और स्टूडेंट्स से संवाद करेंगे। 11सितंबर को राहुल नार्वे की राजधानी ओस्लो में रहेंगे। जहां वह ओस्लो के सांसदों से मुलाकात करने के साथ ही ओस्लाे यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से संवाद करेंगे। इसके अलावा, वह यहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के साथ एक मुलाकात करेंगे।विदेशाें में बसे भारतीयाें पर नजरप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की बड़ी सियासी सफलता के पीछे पीएम मोदी की ग्लोबल इमेज और एनआरआई के बीच बीजेपी की पकड़ भी है। इस पर पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी ने काफी मेहनत की। एनआरआई के बीच पीएम मोदी ने कई सीधे संवाद किए। विपक्ष ने कई मौकों पर इस पर सवाल भी उठाए, लेकिन फिर उन्हें अहसास हुआ कि वह ऐसी आबादी को नजरअंदाज कर रहे थे, जो देश के अंदर भी नैरेटिव बनाने में अहम योगदान निभाता रहा है। इसी गलती से सबक लेते हुए अब कांग्रेस ने भी देर से सही हरकत दिखाई है। लेकिन पीएम मोदी ने इस मैदान पर जो लंबी लकीर खड़ी की है, उससे मुकाबले के लिए अब कांग्रेस को बहुत मेहतन की जरूरत पड़ेगी।