हाइलाइट्ससीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर की उड़ान से पहले क्या एयर रूट की रेकी हुई थी, परेशान कर रहा सवालरेकी को लेकर विरोधाभासी रिपोर्ट्स, एक अधिकारी का दावा- रेकी हुई, एक अन्य अधिकारी का दावा- नहीं हुई रेकीहादसे के वक्त वहां मौजूद लोगों का दावा- दिन में उस हेलिकॉप्टर के अलावा किसी अन्य हेलिकॉप्टर को न देखा न सुनाकोयंबटूरसीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य को लेकर जा रहे एयर फोर्स के हेलिकॉप्टर के हादसे का शिकार होने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं मसलन क्यों हुआ, कैसे हुआ, क्या सभी प्रोटोकॉल्स का पालन किया गया…। ऐसा ही एक सवाल है जो बहुत परेशान करने वाला है क्योंकि इसे लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। यह सवाल है- क्या सीडीएस की उड़ान से पहले एयर फोर्स ने फ्लाइट रूट की रेकी की थी? इसे लेकर विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं।सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को सुलुर एयरबेस से वेलिंगटन के लिए एयर फोर्स के Mi-17v5 हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी थी। हेलिकॉप्टर कुन्नुर के नंजप्पाचतिरम में हादसे का शिकार हो गया जिसमें सीडीएस रावत समेत हेलिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गई। हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।Bipin Rawat: सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैसे हुआ क्रैश? जांच में जुटी तीनों सेनाओं की टीमसुलुर एयरबेस के अधिकारी का दावा- 2 छोटे हेलिकॉप्टरों से रेकी हुई थीसुलुर एयरबेस से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, प्रोटोकॉल के तहत एयर फोर्स के दो छोटे हेलिकॉप्टरों को नीलगिरी में मौसम की स्थितियों का जायजा लेने के लिए उस रूट पर भेजा गया था, जिससे होकर सीडीएस को उड़ान भरनी थी। नाम जाहिर न करने की शर्त पर अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हम निश्चित तौर पर नहीं बता सकते कि वे दोनों हेलिकॉप्टर वेलिंगटन हेलिपैड पर लैंड किए थे या बिना लैंड किए ही वापस आ गए थे।’मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के सीनियर अधिकारी बोले- कोई ट्रायल नहीं हुआदूसरी तरफ, वेलिंगटन स्थित मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के एक सीनियर अधिकारी कुछ अलग ही बता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि Mi-17v5 एक विश्वसनीय हेलिकॉप्टर है लिहाजा छोटे हेलिकॉप्टरों से कोई ट्रायल किया ही नहीं गया था।’वहीं, वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के एक अधिकारी ने इस मामले में यह कहते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि वह इस पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। सीडीएस रावत डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में ही लेक्चर देने जा रहे थे।चश्मदीदों का दावा- दिन में कोई भी दूसरा हेलिकॉप्टर नहीं दिखानंजप्पाचतिरम में जहां हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने दिन के दौरान न ही किसी दूसरे हेलिकॉप्टर को देखा और न ही उसकी आवाज सुनी।वो आखिरी लम्हे क्या रहे होंगे…जिंदा थे दो लोग, बिपिन रावत को बचाने की आखिरी समय तक होती रही कोशिश?एयर फोर्स के रिटायर्ड अधिकारी एस. रमेश कुमार के मुताबिक, आम तौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के दौरे वके वक्त मुख्य हेलिकॉप्टर के साथ 4 हेलिकॉप्टर उड़ते हैं। कुमार ने एयर फोर्स के अधिकारियों के जरिए इस बात की पुष्टि की कोशिश की कि क्या सीडीएस के हेलिकॉप्टर से पहले रूट की रेकी के लिए किसी अन्य हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी या नहीं। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।हादसे के पीछे मानवीय भूल?रमेश कुमार हादसे के पीछे मानवीय भूल की आशंका जताते हैं। उन्होंने कहा, ‘ Mi-17v5 को एक बहुत ही अनुभवी पायलट उड़ा रहा था। हेलिकॉप्टर तकनीकी रूप से बहुत ही अडवांस्ड था और मुझे संदेह है कि मानवीय भूल की वजह से हादसा हुआ हो।’उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि कोहरा या बादल सामान्य से ज्यादा घने रहे हों। लेकिन इस तरह की स्थिति में पायलट को पलक झपकते ही फैसला लेना होता है। हो सकता है कि फैसला लेने में गलती हुई हो।’कुमार ने कहा कि हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। उससे यह जानना मुमकिन होगा कि आखिरी वक्त में आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे ये हादसा हुआ।’वीडियो से लगता है मौसम की वजह से हुआ हादसा’रमेश कुमार हादसे के पीछे मानवीय भूल ही आशंका जता रहे हैं लेकिन एविएशन सिक्योरिटी कंसल्टेंट मोहन रंगनाथन की आशंका इससे अलग है। रंगनाथन ने कहा, ‘मैंने हेलिकॉप्टर के आखिरी समय के वीडियो को ध्यान से देखा है। (इस वीडियो को एक टूरिस्ट ने फिल्माया था जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है।) कोहरा बहुत था और हेलिकॉप्टर बहुत नीचे उड़ रहा था। मुझे लगता है कि हादसे का मुख्य कारण मौसम से जुड़ा है।’रंगनाथन ने आगे कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए एयर फोर्स रेकी करती है लेकिन किसी सर्विंग ऑफिसर के लिए यह जरूरी नहीं है।