हाइलाइट्स:सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कोविड से हुई मौतों पर मुआवजा देना ही होगाकेंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसके पास मुआवजा देने के लिए फंड नहीं हैइस पर शीर्ष अदालत ने सरकार को एनडीएमए ऐक्ट की धारा 12 की याद दिला दीनई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से जान गंवाने वाले के परिजनों को मुआवजा देने का रास्ता साफ कर दिया है। उसने आज एक अहम आदेश में कहा कि मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये का ही मुआवजा मिले यह जरूरी नहीं है, लेकिन उन्हें मुआवजा जरूर देना होगा क्योंकि यह सरकार का संवैधानिक दायित्व है। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ऐक्ट की धारा-12 का जिक्र करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु पर मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है जिसे पूरा करना सरकार का दायित्व है। सरकार की दलील खारिजइसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को गाइडलाइंस तैयार करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनडीएमए अपनी गाइडलाइंस में कोविड से मौत के मामले में न्यूनतम मुआवजा राशि देने की सिफारिश करे। ध्यान रहे कि कोविड से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआजवा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र ने कहा था कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 का प्रावधान अनिवार्य नहीं है। कोविड मरीजों को ब्लैक फंगस के बाद अब CMV इन्फेक्शन का खतरा, गंगाराम अस्पताल में 5 केस मिलेसुप्रीम कोर्ट ने धारा-12 की भावना पर दिया स्पष्टीकरणसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 के तहत एनडीएमए की विधायी जिम्मेदारी है कि वह गाइडलाइंस तैयार करे और राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में पीड़ितों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि के लिए सिफारिश करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धारा-12 में शैल (shall) शब्द का इस्तेमाल किया गया है और इसका मतलब अनिवार्य है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिए ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया कि वह अमुक मुआवजा राशि का भुगतान करे। सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए से कहा है कि वह छह हफ्ते में कोविड से मौत के मामले में पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए गाइडलाइंस बनाए और न्यूनतम मुआजवा राशि के भुगतान की सिफारिश करे। Delhi Metro News: ऐसे कैसे कोरोना से बचेंगे? राजीव चौक के बाहर लंबी-लंबी कतारें, भीषण गर्मी में यात्री परेशानकितनी रकम हो उचित, NDMA तय करे: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि हम कोविड से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि देने के मामले में एनडीएमए को निर्देश देते हैं कि वह गाइडलाइंस तय करे ताकि न्यूततम पैमाने के तहत राहत मिले। हम नैशनल अथॉरिटी पर छोड़ते हैं कि वह उचित रकम मुआवजे के लिए तय करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में ये भी कहा है कि कोविड से मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के दौरान उसमें तारीख और मौत का कारण कोविड लिखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर परिजन संतुष्ट नहीं हैं तो मौत का कारण सही करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाए। याचिका पर सरकार से सवालसुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल और एक अन्य याची ने कहा है कि कोविड से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या पीएम की अगुवाई वाली एनडीएमए ने ये फैसला लिया है कि कोविड से मौत के मामले में परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा नहीं दिया जा सकता? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या कोविड से मरने वालों के परिजनों के मन में किसी तरह का मलाल दूर करने के लिए समान मुआवजा योजना (Uniform Compensation Scheme) तैयार करने पर विचार किया जा सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, पता चल गया किस महीने में आएगी बढ़ी हुई सैलरी!डेल्टा प्लस के बाद अब ‘लैम्ब्डा’, कितना खतरनाक है ये वेरिएंट?फंड की कमी बता केंद्र ने झाड़ लिया था पल्लादरअसल, केंद्र सरकार ने अपनी एफिडेविट में कहा है कि कोविड से मौत में परिजनों को मुआवजा देना उनके वित्तीय क्षमता के बाहर है और केंद्र एवं राज्य सरकारें गंभीर आर्थिक परेशानी में हैं। हालांकि सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि मसला ये नहीं है कि आर्थिक परेशानी है या फंड की कमी है बल्कि केस ये है कि फंड का सही इस्तेमाल कैसे हो।कोरोना वायरस से मौत पर मिलेगा मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया बड़ा निर्देशयूं सुप्रीम कोर्ट में घिरा केंद्रसुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एसबी उपाध्याय ने कहा कि फंडी की कमी या मजबूरी संवैधानिक दायित्व से भागने के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘सरकार की तमाम स्कीम का हम आदर करते हैं लेकिन यहां विधायी प्रावधान है और क्या सरकार की वित्तीय मजबूरी उसके संवैधानिक दायित्व के निर्वाह से बचाने के लिए आधार बन सकता है?’ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि इसके लिए एक यूनिफॉर्म पॉलिसी होनी चाहिए कि जिन लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह उस गाइडलाइंस को पेश करे जिसके तहत कोविड से मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का प्रावधान है।सांकेतिक तस्वीर।