मुंबईदो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति की फिजा कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है। शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर अपना रूख कुछ नरम किया है। पार्टी के मुखपत्र सामना में भी इस बात का जिक्र हुआ है कि पीएम मोदी के साथ रिश्ता खराब ही नहीं हुआ कि उसे बेहतर करने की जरूरत पड़े। शिवसेना के मुखपत्र सामना में विधायक प्रताप सरनाईक के विवादित पत्र का भी उल्लेख हुआ है, जिसमें सीएम ठाकरे से बीजेपी के साथ गठबंधन कर लेने की बात कही गई थी। मुखपत्र में लिखा कि पीएम मोदी के साथ बेहतर रिश्ते करने का कोई मतलब ही नहीं है क्योंकि रिश्ते कभी खराब हुए ही नहीं थे। महाराष्ट्र सरकार ने प्रधानमंत्री के साथ संबंध हमेशा अच्छा रहा है। पढ़ें: महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में चल क्या रहा है? उद्धव को शिवसेना विधायक के लेटर पर सियासी सरगर्मी तेज सामना के लेख में विधायक सरनाईक को अप्रत्यक्ष तौर पर लताड़ भी लगाते हुए कहा गया है कि पार्टी ने ही उन्हें विधायक बनाया है। वह पार्टी से ऊपर नहीं हैं। सामना के लेख में लिखा, ‘इमर्जेंसी के दौरान शिवसेना पर खुद का विलय कांग्रेस में कर लेने का दबाव था। लेकिन बालासाहेब ठाकरे ने ऐसा नहीं किया और पार्टी का अस्तित्व बचाए रखा। इसी वजह से आज साधारण सादमी भी विधायक, सांसद, मंत्री का पद पा रहा है। शिवसैनिक ही पार्टी की शक्ति हैं, जो हर हाल में संघर्ष करते रहते हैं।’ पढ़ें: महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में जुबानी जंग तेज, उद्धव ने कहा- जूते पड़ेंगे, पटोले का जवाब- ये तो जनता तय करेगी इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी थर्ड फ्रंट को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान मोदी या बीजेपी विरोधी शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर टोका। राउत ने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की जरूरत होती है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार उसी की तैयारी में लगे हैं लेकिन उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि वह मोदी या बीजेपी के खिलाफ हैं।’ सांकेतिक तस्वीर