Suicide Case,बॉयफ्रेंड ने ही उकसाया था, इसलिए युवती ने की खुदकुशी… सीबीआई को कोर्ट में मिली बहुत बड़ी जीत – cbi wins priyadarshini suicide case getting pradeep convicted in puducherry court

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच अभिकरण (CBI) को आत्महत्या के मामले में बड़ी सफलता हासिल हुई है। अदालत ने उसके दिए सबूतों के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी के खिलाफ दोष साबित कर दिया। ऐसे मामले में कोर्ट को सबूतों से मना पाना बहुत ही कठिन माना जाता है। मामला पुदुचेरी की एक अदालत ने 2012 में एमबीबीएस छात्रा प्रियदर्शिनी की आत्महत्या के मामले में उसके बॉयफ्रेंड रहे प्रदीप को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने प्रदीप पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो पुदुचेरी के तिरुकानूर का रहने वाला है।सीबीआई ने अदालत के सामने दलली दी कि प्रदीप ने प्रियदर्शिनी से ब्रेकअप कर लिया। उसने प्रियदर्शिनी से रिश्ता तोड़ने के बाद उसे एक टेक्स्ट मेसेज भेजा जिसमें उसने लड़की के चरित्र पर लांछन लगाया। सीबीआई ने कोर्ट में सबूतों के साथ दावा किया कि प्रदीप के टेक्स्ट मेसेज से ही प्रियदर्शिनी टूट गई और उसने अपनी जान दे दी। सीबीआई को वह टेक्स्ट मैसेज हाथ लगा था जिसे चेन्नई से फोरेंसिक वैज्ञानिकों की एक टीम ने बरामद किया था। प्रियदर्शिनी आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले की रहने वाली थी।सीबीआई ने अप्रैल 2015 में मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने सीबीआई को पुदुचेरी के तिरुबुवनाई पुलिस स्टेशन में दर्ज एक शिकायत को संभालने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने नवंबर 2017 में अपना चार्जशीट दायर किया था। प्रियदर्शनी के पिता ने शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी। वह चौथी वर्ष की छात्रा थी और हॉस्टल में रह रही थी।उन्होंने बताया कि उनकी बेटी प्रियरदर्शिनी, प्रदीप के साथ रिलेशनशिप में थी। पिता ने दावा किया कि प्रदीप ने बाद में उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और इस कारण उनके बीच मतभेद हो गए। बाद में प्रदीप ने जो टेक्स्ट मेसेज भेजा उस कारण उनकी बेटी ने मई 2012 में आत्महत्या कर ली। प्रियदर्शिनी का शव छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटका मिला था।महत्वपूर्ण जानकारीसभी मानसिक समस्याओं का इलाज हो सकता है। मनोचिकित्सक की मदद से आपको तुरंत मदद मिल सकती है। इसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं जहां आप संपर्क कर सकते हैं। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में है) इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमून बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 01-22574820 हितगुज हेल्पलाइन, मुंबई- 022-24131212 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस- 080-26995000