नई दिल्ली : आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है लेकिन जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों में ये दिखाने की एक तरह की होड़ लगी है कि इसके खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा गंभीर वही हैं। गुरुवार को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से मुलाकात की। उन्होंने अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद-370 के कई प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ उनकी दलीलों की सराहना की। दूसरी तरफ, नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ये कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया है।गुलाम नबी आजाद ने शीर्ष अदालत में मामले के ‘सकारात्मक परिणाम’ की उम्मीद जताई। उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को खत्म करने के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। सिब्बल के साथ अपनी एक घंटे की मुलाकात के दौरान आजाद ने उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद-370 का बचाव करने के लिए उनकी तारीफ की।डीपीएपी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक आजाद ने सिब्बल से कहा, ‘आपने अनुच्छेद-370 का मामला बहुत ही मुखरता से प्रस्तुत किया, आप शेर की तरह दहाड़ रहे थे।’जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के साथ न्याय करेगा और सम्मान के साथ उनके अधिकार वापस लौटाएगा।’ आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।दूसरी तरफ, नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायाधीश उनके तर्कों से सहमत होंगे।उन्होंने कहा, ‘हम लड़ रहे हैं और हम न्याय की उम्मीद को लेकर वहां गए हैं। हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है, हमने सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया और उनके प्रदर्शन की सभी ने सराहना की है। सुनवाई चल रही है और हमें उम्मीद है कि न्यायाधीश हमारे तर्कों से सहमत होंगे। यह चलता रहेगा और हम इंतजार कर रहे हैं।’