हाइलाइट्स:12वीं बोर्ड एग्जाम लेकर स्टूडेंट्स की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को चेताया, आज फैसला क्यों नहीं लेते?’एक कमरे में 15 बैठेंगे तो क्या 5 लाख स्टूडेंट्स के लिए 30 हजार कमरे का इंतजाम है?”किसी को भी कुछ हुआ तो राज्य सरकार पर उसकी जिम्मेदारी होगी’नई दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने राज्य बोर्ड द्वारा 12वीं का एग्जाम कैंसल करने से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि आप स्टूडेंट्स की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। अगर किसी बच्चे को कुछ हुआ तो जिम्मेदारी आपकी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि आप या तो हमें संतुष्ट करें कि स्डूटेंट्स को खतरा नहीं होगा या फिर हम आपको इस तरह इजाजत नहीं देंगे।30 हजार हॉल का इंतजाम है? SC ने पूछासुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान देश भर के अधिकांश राज्यों ने एग्जाम कैंसल करने का फैसला किया है। छह राज्य पहले ही एग्जाम ले चुके हैं जबकि आंध्र प्रदेश ऐसा राज्य है जिसने 12 वीं बोर्ड एग्जाम कैंसल नहीं किया है और पेपर लेने का फैसला किया है। राज्य ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन होगा और एग्जामिनेशन सेंटर के प्रत्येक हॉल में सिर्फ 15 स्टूडेंट्स ही बैठेंगे।इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि राज्य में पांच लाख स्टूडेंट्स हैं और इस तरह से देखा जाए तो एक हॉल में अगर 15 बैठेंगे तो राज्य को कुल 30 हजार हॉल चाहिए। राज्य सरकार के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या आपके पास इतने हॉल का इंतजाम है। आपके पास क्या फॉर्मूला है। क्या आपने 30 हजार हॉल का इंतजाम कर लिया है। हम आपकी दलील से संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि एक हॉल में 15 बैठेंगे तो 30 हजार हॉल चाहिए।बंगाल के केस की सुनवाई से 4 दिन में क्यों हट गए 2 जजआपकी कोई टाइमलाइन नहीं है: SCसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘कोविड की स्थिति बेहद अनिश्चितता से भरा हुआ है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अंदेशा है कि तीसरा वेब आएगा और डेल्टा वेरिएंट आएगा। आपका कहना है कि जुलाई के आखिरी में आपने एग्जाम लेने का फैसला किया है। लेकिन स्थिति तब क्या होगी किसी को कुछ नहीं पता है। राज्य सरकार इस तरह से स्टूडेंट्स को अनिश्चितता में डाल रही है। एग्जाम और रिजल्ट दोनों ही अनिश्चितता वाली है क्योंकि कोई टाइमलाइन नहीं है। आप चीजों को इस तरह से अनिश्चितता में नहीं धकेल सकते। आप 15 दिन पहले नोटिस देंगे कि क्या कर रहे हैं। बाकी राज्यों ने जब एग्जाम कैंसल कर दिया तो आप क्यों नहीं फॉलो कर रहे हैं। क्या आप अपने आप को अलग रखना चाहते हैं?’अदालत ने कहा, ‘आप स्टूडेंट्स को इस तरह से रिस्क में डाल रहे हैं। आप आज फैसला क्यों नहीं लेते। अगर कोई वाकया हुआ तो आप इसके लिए जिम्मेदार होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के वकील से कहा है कि आप कोर्ट की टिप्पणी के मद्देनजर राज्य सरकार से निर्देश लेकर आएं। हम शुक्रवार को दोपहार बाद इस मामले में की आगे की सुनवाई करेंगे। केरल राज्य की ओर से 11 वीं का एग्जाम लेने का फैसला किया गया है। याचिकाकर्ता इस मामले में केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।’सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को चेताया।