Whisky Pride Case: नाम में बहुत कुछ रखा है! शराब के दो ब्रांड्स में छिड़ी ‘प्राइड’ की लड़ाई, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा – blenders pride royal challenge american pride trademark case what sc said

नई दिल्ली: आपने किसी से यह कहते जरूर सुना होगा कि नाम में क्या रखा है? जी नहीं, नाम में बहुत कुछ रखा है। शराब की दो कंपनियों की कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। पीने के शौकीनों को उनका नाम अच्छे से पता होगा। ये हैं- ब्लेंडर्स प्राइड और रॉयल चैलेंज अमेरिकन प्राइड। दोनों शराब के अलग-अलग ब्रांड्स हैं। ट्रेडमार्क उल्लंघन को लेकर दोनों ब्रैंड के निर्माताओं के बीच विवाद है। व्हिस्की ब्रांड ब्लेंडर्स प्राइड का मालिकाना हक रखने वाली पेरनोड रिकार्ड इंडिया कंपनी ने कोर्ट में दलील दी है कि वह 1994 से बिजनस में है जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी United Spirits ने यह ब्रांड (रॉयल चैलेंज अमेरिकन प्राइड) 2021 में बनाना शुरू किया। आगे कहा गया कि नाम में समानता होने के कारण ग्राहकों में भ्रम होता है क्योंकि दोनों के कस्टमर मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास से आते हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोहाली की जिला अदालत को 6 महीने में फैसला करने का निर्देश दिया है।3 साल से केस और…सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मोहाली जिला अदालत को निर्देश दिया कि वह ब्लेंडर्स प्राइड व्हिस्की ब्रांड के मालिक पेरनोड रिकार्ड इंडिया के मुकदमे पर छह महीने के भीतर तेजी से फैसला करे। जिला अदालत में पिछले तीन वर्षों से मुकदमा लंबित है, यह देख जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने पेरनोड रिकार्ड इंडिया की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इससे पहले यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के खिलाफ अंतरिम राहत के लिए पेरनोड की अर्जी को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।जिद्दी और गुस्सैल पत्नी, हाई कोर्ट बोला- क्रूरता के दायरे में आचरण, 20 साल से अलग रह रहे दंपती की शादी की खत्मसुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमारा मानना है कि मुकदमे को समाप्त करने और निर्णय सुनाने में छह महीने से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए। हम उसी के अनुसार आदेश देते हैं।’ पीठ ने कहा कि मुकदमा तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।Multibagger Stocks : इनके प्रोडक्ट पियेंगे तो झूमेंगे और शेयर खरीदेंगे तो मदमस्त हो जाएंगे आपलड़ाई ‘प्राइड’ की हैपेरनोड रिकार्ड इंडिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम की दलील के खिलाफ यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि दोनों ब्रांड्स की बोतलें और लेबल अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्राइड’ एक आम शब्द है और कई दूसरे व्हिस्की ब्रांड ‘प्राइड’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि वह इस स्तर पर मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेगी और पक्षों से निचली अदालत में जाने को कहा। कोर्ट ने निचली अदालत को मामले में उसके और हाई कोर्ट की टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना योग्यता के आधार पर फैसला करने को कहा है।