जोधपुर, 30 नवंबर (भाषा) राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के परिसमापक से कहा कि वह सोसायटी के 1,500 से अधिक जमाकर्ताओं का धन जारी करने से जुड़े दावों का निपटान करें। सोसाइटी कथित रूप से अपने 20 लाख जमाकर्ताओं और 3.75 लाख से अधिक निवेशकों के 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के गबन में शामिल है। आदर्श सोसाइटी के जमाकर्ताओं को एक बड़ी राहत देते हुए, उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने परिसमापक को दावों की जांच करने और 90 दिनों के भीतर उनका निपटान करने के लिए कहा। न्यायाधीश दिनेश मेहता ने 1,573 जमाकर्ताओं की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगायी थी कि अन्य लेनदारों की जमा राशि जारी किए जाने के बावजूद उनकी जमा राशि घोटाला प्रभावित सोसाइटी में फंसी हुई है। याचिकाकर्ताओं के वकील गिरीश सांखला ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सोसाइटी के पास फंसे अपने पैसे जारी करने की मांग को लेकर उसका रुख किया है और वे चाहते हैं कि अदालत उनके दावों से जुडे आवेदनों पर फैसले के लिए प्रतिवादियों को निर्देश दे।