अपेरल पार्क से तीन लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार, नोएडा में 300 करोड़ रुपयों की लागत से किया जा रहा है तैयार

नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने नोएडा में पहला औद्योगिक पार्क बनाने की नींव रखी है। यह पार्क 175 एकड़ में फैला होगा। इसमें कुल 89 भूखंड हैं। इनमें से 81 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। यहां पर 39 कंपनियों को जमीन दी जा चुकी है। यह पार्क 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनेगा। इसमें करीब 3 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा, जिनमें से 75% महिलाएं होंगी। अधिकारियों ने कहा कि इस पार्क से हर साल 10,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा। YEIDA के सीईओ अरुणवीर सिंह के मुताबिक, जिन कंपनियों को जमीन आवंटित की गई है, वे एक महीने के भीतर यहां पर निर्माण शुरू कर देंगी। नोएडा परिधान निर्यात क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठाकुर के मुताबिक, यह कदम महामारी के दौरान भारी नुकसान झेल रहे क्षेत्र को आगे बढ़ने का मौका देगा।20 हजार होम बायर्स के लिए खुशखबरी, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के 59 टावरों में जल्द पूरा होगा कामबड़ी संख्या में हो रहा प्रोडक्शनललित ठाकुर के मुताबिक, “नोएडा परिधानों का शहर माना जाता है क्योंकि वहां बड़ी संख्या में विनिर्माण इकाइयां हैं। वर्तमान में, लगभग 4,000 कारखाने तैयार कपड़े बना रहे हैं। कुल मिलाकर, उनका वार्षिक निवेश लगभग 40,000 करोड़ रुपये है। अगले तीन वर्षों में निर्यात को 60,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।” बताया कि अपेरल पार्क उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला पार्क होगा। यहां सड़कों के दोनों किनारों पर फलों के पेड़ लगाए जाएंगे।सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे, चीनी कंपनियों के लिए अमेरिका की तरह भारत को भी ये करना चाहिएटॉय पार्कअधिकारियों के मुताबिक, अपेरल पार्क में विभिन्न सेक्टरों को जोड़ने वाली 45 मीटर चौंड़ी रोड होगी। यहां विभिन्न कंपनियों के शोरूम, कच्चे माल के स्रोत केंद्र, परीक्षण प्रयोगशाला, डिजाइन स्टूडियो, नमूना घर, लेबलिंग और प्रसारण इकाइयां, कौशल विकास केंद्र, रंगाई और छपाई इकाइयां आदि होंगी। बताया कि आने वाले शनिवार को, राज्य के पहले खिलौना पार्क की नींव भी सेक्टर 33 में रखी जाएगी। बता दें कि साल 2020 में, YEIDA ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 100 एकड़ में एक भूखंड योजना शुरू की थी। कुल 134 कंपनियों को इस योजना के तहत जमीन आवंटित की गई है। उद्यमियों को 4,000 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों की पेशकश की गई थी।