नयी दिल्ली: देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत घटकर 10.94 अरब डॉलर रहा है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में एफडीआई प्रवाह 16.58 अरब डॉलर रहा था। जनवरी-मार्च, 2023 तिमाही में भी एफडीआई 40.55 प्रतिशत घटकर 9.28 अरब डॉलर पर रह गया था।उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल, मई और जून में विदेश से निवेश घटकर क्रमश: 5.1 अरब डॉलर, 2.67 अरब डॉलर और 3.16 अरब डॉलर रह गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा क्रमश: 6.46 अरब डॉलर, 6.15 अरब डॉलर और 3.98 अरब डॉलर था। कुल एफडीआई जून तिमाही में 21.4 प्रतिशत घटकर 17.56 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 22.34 अरब डॉलर था। कुल एफडीआई में इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है।आंकड़ों से पता चलता है कि मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से समीक्षाधीन अवधि में एफडीआई घटा है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, दूरसंचार, वाहन, फार्मा और रसायन जैसे क्षेत्रों में एफडीआई कम रहा है। हालांकि सेवा, निर्माण गतिविधियों, निर्माण विकास और विकास एवं धातुकर्म उद्योग में एफडीआई बढ़ा है। राज्यवार आंकड़ों में जून तिमाही में सबसे ज्यादा 4.46 अरब डॉलर का एफडीआई महाराष्ट्र में आया है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में आए 5.24 अरब डॉलर से कम है। अप्रैल-जून 2023 के दौरान केमैन आइलैंड्स और साइप्रस से निवेश काफी कम होकर क्रमश: 7.5 करोड़ डॉलर और 60 लाख डॉलर रह गया। हालांकि नीदरलैंड, जापान और जर्मनी से एफडीआई बढ़ा है।