नई दिल्ली: RBI कर्ज लेने वाले लोगों को फ्लोटिंग ब्याज दर से फिक्स्ड ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। इस कदम से होम, ऑटो और दूसरे कर्ज लेने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ऐसे ग्राहक ही ऊंची ब्याज दरों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI फ्लोटिंग रेट वाले लोन के फ्रेमवर्क को पारदर्शी बनाने के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा। दास ने अपने भाषण में फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वाले लोन के ब्याज दरों को रीसेट करने के तौर-तरीकों के फ्रेमवर्क को और पारदर्शी बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत कर्जदाताओं को कर्ज लेने वाले ग्राहकों को EMI के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।RBI Repo Rate: खुशखबरी! आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 6.50 पर स्थिरलोन EMI पर क्या होगा असर?RBI गवर्नर ने एलान किया कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही रेपो रेट पहले की तरह ही 6.5% पर बरकरार है। यह फैसला कर्ज लेने वालों के लिए पॉजिटिव साबित हो सकता है। इस फैसले के साथ, RBI का टारगेट उन लोगों को स्थिरता और राहत प्रदान करना है जिन्होंने लोन लिया है। दो साल में 20% तक बढ़ गई EMI दे रहे लोगों के लिए यह राहत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी जो फ्लोटिंग रेट हैं, उस पर ही बने रहना चाहिए।अभी EMI के इंटरेस्ट फैक्टर में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। RBI की ओर से रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने के बावजूद कर्जदारों के लोन की EMI बढ़ या घट सकती है। दरअसल रीपो रेट वह दर होती है जिस पर किसी भी देश का केंद्रीय बैंक कमर्शल बैंकों को पैसे उधार देता है, लेकिन अगर बैंक चाहें तो अपनी मर्जी से लोन की EMI बढ़ा या घटा सकते हैं।बंपर कमाई के लिए हो जाएं तैयार, इस महीने 10 कंपनियां लेकर आ रहीं IPO, जुटाएंगे 8 हजार करोड़ रुपयेक्या होगा FD निवेश पर असर?ब्याज दरों में इजाफा नहीं होने से लोनधारकों को जहां राहत मिली है तो वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर अधिक ब्याज हासिल करने की उम्मीद लगाए लोगों को थोड़ी निराशा हुई है। फाइनैंशल प्लानर कार्तिक झवेरी का कहना है कि मौजूदा रीपो रेट ग्रोथ साइकल के चरम के करीब है। महंगाई काबू में आने के बाद हो सकता है RBI फिर रीपो रेट कम करे। ऐसे में एफडी पर मिल रहा ब्याज कम हो जाएगा। ऐसे में जहां रीपो रेट बढ़ोतरी का चक्र लगभग खत्म ही समझना चाहिए और अभी जो FD पर ब्याज दरें मिल रही हैं, उसी पर लॉक कर देना चाहिए।