अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन ने ऐमजॉन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) के दुनियाभर में करोड़ों प्राइम मेंबर हैं। इन मेंबर्स को सामान की फास्ट और फ्री डिलीवरी की जाती है। इसके बदले में इनसे सालाना मेंबरशिप फीस ली जाती है। लेकिन कंपनी पर प्राइम मेंबरशिप के नाम पर दुनियाभर में लाखों ग्राहकों को चूना लगाने का आरोप है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने ऐमजॉन.इन के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने दुनियाभर में करोड़ों ग्राहकों को उनकी सहमति के बिना अपनी प्राइम सर्विस का मेंबर बनाया। इतना ही नहीं कंपनी ने उन्हें मेंबरशिप कैंसल करने का विकल्प भी नहीं दिया। एफटीसी ने सिएटल के फेडरल कोर्ट में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।एफटीसी का आरोप है कि कंपनी ने जानबूझकर लाखों ग्राहकों को चूना लगाया। उन्हें उनकी सहमति के बिना ऐमजॉन प्राइम सर्विस का मेंबर बनाया गया। कंपनी ने डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करके ग्राहकों को ऑटोमैटिकली रिन्यूइंग प्राइम सब्सक्रिप्शनंस में एनरॉल करने के लिए फंसाया। डार्क पैटर्न का मतलब यूजर इंटरफेस डिजाइन्स से है जिनका इस्तेमाल ग्राहकों को धोखे से फंसाने के लिए किया जाता है। ऐमजॉन प्राइम के मेंबर्स को सामान की फास्ट और फ्री डिलीवरी की जाती है। साथ ही उन्हें तरह-तरह के डिस्काउंट और कई बेनिफिट्स दिए जाते हैं।Jeff Bezos: 59 की उम्र में दूल्हा बनेंगे जेफ बेजोस लेकिन इस बार नहीं दोहराएंगे 38 अरब डॉलर वाली गलतीकितनी है फीसअमेरिका में प्राइम मेंबर्स के लिए सालाना फीस 139 डॉलर है और कंपनी की सेल में इनकी अहम भूमिका है। वहीं भारत की बात करें तो यहां प्राइम मेंबरशिप की सालाना फीस 1,500 रुपये है जबकि महीने की फीस 200 रुपये है। दुनियाभर में प्राइम के 20 करोड़ से ज्यादा मेंबर हैं। इस बारे में जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की कंपनी ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। एफटीसी मार्च 2021 से कंपनी के प्राइम प्रोग्राम की साइन-अप और कैंसिलेशन प्रोसेस की जांच कर रही है।