नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने ‘अनजाने’ में अपनी वेबसाइट पर समाधान प्रक्रिया वाली कुछ कंपनियों के ऋणदाताओं (वर्कमेन सहित) के आधार और पैन का ब्योरा डाला दिया था, जिसे बाद में उसने हटा लिया। आईबीबीआई ने कहा कि इन मुद्दे को अगले कुछ दिन में सुलझा लिया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह ब्योरा गलती से सार्वजनिक हो गया। नियामक कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया और परिसमापन के तहत कंपनियों के ऋणदाताओं की सूचना को होस्ट करने की बीटा परियोजना पर काम कर रहा था। दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (आईबीसी) के क्रियान्वयन में आईबीबीआई महत्वपूर्ण संस्थान है। अधिकारी ने बताया कि आईबीबीआई सीआईआरपी और परिसमापन की प्रक्रिया के संदर्भ में पारदर्शिता बढ़ाने की परियोजना पर काम कर रह है। अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को अगले कुछ दिन में सुलझा लिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि गलती से जो ब्योरा वेबसाइट पर डाला गया था, उसे हटा लिया गया है। तत्काल यह पता नहीं चल पाया है कि कितने ऋणदाताओं को ब्योरा आईबीबीआई की वेबसाइट पर डाला गया था। इस बारे में आईबीबीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।