भुवनेश्वर तीन जुलाई (भाषा) ओडिशा के इस्पात उद्योग संघों ने लौह अयस्क के दामों में तेजी और कमी के बीच कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से राज्य में उत्पादित लौह-अयस्क के पहले खरीद अधिकार को बहाल करने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि लौह अयस्क का बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों को होने वाले निर्यात ओडिशा में उद्योगों के लिये इसकी कमी और कीमतों में उछाल का मुख्य कारण बन गया है। इसके अलावा कई उद्योग निकायों समेत मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीएमएआई) और उड़ीसा स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ओएसआईएमए) ने संकट से उबरने के लिए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। सीआईआई ने इस्पात और खान विभाग के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘लौह और इस्पात उद्योग हाल में लौह अयस्क के कम उत्पादन, बड़े पैमाने पर अंतरराज्यीय प्रेषण और इस प्रकार कीमतों में तेजी से वृद्धि के कारण बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’ उसने कहा कि जिन कंपनियों ने राज्य में संयंत्र लगाकर मूल्यवर्धित उद्योगों में भारी निवेश किया है। उन्हें कच्चे माल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग निकाय ने कहा, ‘‘अयस्क की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्थित उद्योगों के लिये लौह अयस्क की पहली खरीद के अधिकार को बहाल करने की तत्काल आवश्यकता है।’’ उद्योग संगठनों ने कर्नाटक की तरह ओडिशा में भी राज्य के बाहर अयस्क भेजने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। जिससे इस कच्चे माल से जुड़े उद्योग कोविड-19 के दौरान बिना किसी बाधा के चल सकें।