नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत आने वाला स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) ने मेटल-एयर बैटरी के लिए सस्ता उत्प्रेरक विकसित किया है। इससे ऊर्जा भंडारण में उपयोग होने वाले बैटरी की लागत कम हो सकती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की मांग में वृद्धि के साथ, दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के ऊर्जा उपकरणों जैसे कि लिथियम-आयन बैटरी, लेड-एसिड बैटरी, रेडॉक्स फ्लो बैटरी, लिथियम-एयर बैटरी, जिंक-एयर बैटरी, सोडियम-आयन बैटरी, फ्यूल सेल आदि विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनमें से, जिंक-एयर बैटरियों ने अपनी कम लागत और उच्च ऊर्जा घनत्व के कारण उल्लेखनीय रूप से ध्यान आकर्षित किया है। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, ऐसी बैटरियों के लिए एक बड़ी चुनौती उत्प्रेरक का विकास है। अधिकतर पारंपरिक उत्प्रेरकों की संरचना में उत्कृष्ट धातुएं शामिल होती हैं, जिससे बैटरी महंगी हो जाती है। एक नया धातु-आधारित द्वि-कार्यात्मक इलेक्ट्रो उत्प्रेरक(दो अलग-अलग प्रकार की प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने में सक्षम) मेटल – एयर बैटरियों की लागत को कम कर सकता है और उनकी दक्षता में वृद्धि कर सकता है। बयान के अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन आने वाला एआरसीआई ने कहा, ‘‘…. मेटल-एयर बैटरी के लिए सस्ता उत्प्रेरक विकसित किया है, जिससे बैटरी की लागत कम हो सकती है तथा उसका दक्षता बढ़ सकती है।’’