नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) डिजिटल विज्ञापन कंपनी एफल ने दावा किया है कि उसने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फोनपे द्वारा सिंगापुर की अदालत में दायर मामले में शुरुआती जीत हासिल की है। यह मामला इंडस ओएस की हिस्सेदारी बिक्री से संबंधित है। फोनपे ने करीब छह करोड़ डॉलर के मूल्यांकन के साथ इंडस ओएस की 92 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाई थी। हालांकि, कंपनी में सबसे बड़ी शेयरधारक एफल ग्लोबल पीटीई लि. (एजीपीएल) ने इस प्रस्तावित सौदे का विरोध किया था। एजीपीएल को लगता था कि ओएसलैब्स या इंडस ओएस का मूल्यांकन करीब 9 करोड़ डॉलर है। उसने निचले मूल्यांकन पर अपनी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से इनकार कर दिया था। कंपनी ऐप स्टोर ‘इंडस ऐप बाजार’ का परिचालन करती है। इसके तहत अंग्रेजी के साथ 12 भारतीय भाषाओं हिंदी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, उडिया, पंजाबी, मलयालम, बांग्ला, असमिया कन्नड़ में चार लाख ऐप तक पहुंचा जा सकता है। एजीपीएल ने इंडस ओएस द्वारा फोनपे को हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी के खिलाफ मुकदमा किया। फिनटेक कंपनी ने इसे सिंगापुर की अदालत में चुनौती दी थी। एजीपीएल और इंडस ओएस दोनों सिंगापुर में पंजीकृत हैं। एजीपीएल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उसने 19 मई, 2020 से 18 जून, 2021 तक सिंगापुर उच्च न्यायालय में सात से अधिक सुनवाइयों में भाग लिया है। उसने दावा किया कि 18 जून, 2021 तक फोनपे ने स्पष्ट रूप से सिंगापुर में कॉरपोरेट कानूनी लड़ाई गंवा दी है। हालांकि, फिनटेक कंपनी फोनपे और ओएसलैब्स ने एजीपीएल के इस दावे को खारिज किया है कि उसने कानूनी लड़ाई जीत ली है। वहीं, एजीपीएल ने कहा कि सिंगापुर उच्च न्यायालय में 18 जून को हुई आखिरी सुनवाई के दौरान फोनपे ने अदालत के आदेश के मद्देनजर ओएस लैब्स में की साधारण बैठक में मौजूदा वोटिंग अधिकार गंवा दिया है।