नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) एक सरल और आसान खाद्यान्न परीक्षण उपकरण विकसित करने के लिए कृषि-स्टार्टअप के साथ काम कर रहा है। इस उपकरण को सरकार द्वारा संचालित मंडियों में लगाया जायेगा। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है। खाद्यान्नों की खरीद की प्रक्रिया के दौरान, किसानों द्वारा मंडियों में लाए गए अनाज की गुणवत्ता का परीक्षण भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित पद्धति का पालन करते हुए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के परिप्रेक्ष्य में किया जाता है।हालांकि, अनाज में नमी की मात्रा के परीक्षण को छोड़कर, अन्य सभी मापदंडों का परीक्षण मैनुअल विश्लेषण का उपयोग करके किया जाता है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और इस आकलन में व्यक्तिपरकता का कुछ असर होता है। इसलिए, प्रौद्योगिकी आधारित गुणवत्ता मूल्यांकन व्यवस्था अपनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि एफसीआई एक सरल और आसान परीक्षण उपकरण विकसित करने के लिए भारतीय कृषि-स्टार्टअप के साथ काम कर रहा है, जिसे खाद्यान्न खरीद के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा संचालित हजारों मंडियों में तैनात किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मंडी स्तर की गुणवत्ता जांच के लिए समाधान विकसित करने में काम कर रहे स्टार्टअप्स में से एक ने गेहूं खरीद मौसम के दौरान चार मंडियों (पंजाब में दो और हरियाणा में दो मंडियों में) प्रोयोगिक जांच का काम किया था।’’ उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित सॉफ्टवेयर, खामियों की पहचान करने में सक्षम है, लेकिन अब तक स्वीकार्य स्तर तक सटीक नहीं हो पाया है। सरकार ने कहा कि खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में 25 जून तक 73,870 खरीद केंद्रों से लगभग 853.34 लाख टन धान की खरीद की गई थी। इसी तरह अप्रैल को समाप्त हुए रबी विपणन सत्र 2021-22 में 19,030 खरीद केंद्रों से 432.69 लाख टन गेहूं की खरीद की गई।