नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) कोलकाता के एमपी बिड़ला समूह की तीन सूचीबद्ध केबल कंपनियों….विंध्य टेलीलिंक्स लि., यूनिवर्सल केबल्स लि. और बिड़ला केबल लि. के शेयरधारकों ने निवेश कंपनी पंजाब प्रोड्यूस एंड ट्रेडिंग कंपनी लि. (पीपीटीसीएल) द्वारा प्रस्तावित निदेशकों की नियुक्ति के खिलाफ मत दिया है। समूह ने शनिवार को बयान में कहा कि पीपीटीसीएल ने तीनों केबल कंपनियों के निदेशक मंडल में दो निदेशकों की नियुक्ति के लिए नामांकन दाखिल किया था। विंध्य टेलीलिंक्स और यूनिवर्सल केबल्स के मामले में पीपीटीसीएल ने डीआर अग्रवाल और एस के चक्रवर्ती को निदेशक के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव किया था। चक्रवर्ती को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिलीप गणेश कार्णिक के स्थान पर निदेशक नियुक्त करने का प्रस्ताव किया गया था। विंध्य टेलीलिंक्स में अग्रवाल की नियुक्ति के प्रस्ताव के पक्ष में 27.83 और विपक्ष में 72.17 प्रतिशत ने मतदान किया। इसी तरह चक्रवर्ती की नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ भी 72.17 प्रतिशत मत पड़े। वहीं कार्णिक को पुन: निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव के पक्ष में 77.54 प्रतिशत वोट पड़े। इसी तरह यूनिवर्सल केबल्स में कार्णिक की नियुक्ति के पक्ष में 63.17 प्रतिशत और विरोध में 36.83 प्रतिशत मत पड़े। वहीं चक्रवर्ती को उनके स्थान पर नियुक्त करने के प्रस्ताव के खिलाफ 57.95 प्रतिशत मत पड़े। पीपीटीसीएल के अग्रवाल को यूनिवर्सल केबल्स का निदेशक नियुक्त करने का प्रस्ताव भी 57.95 प्रतिशत मतों के साथ खारिज हो गया। जहां तक बिड़ला केबल का सवाल है, पीपीटीसीएल ने डी आर अग्रवाल और सतीश प्रधान को निदेशक नियुक्त करने का प्रस्ताव किया था। प्रधान को एच वी लोढ़ा के स्थान पर समूह का चेयरमैन बनाने का प्रस्ताव था। लोढ़ा को पुन: निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव के पक्ष में 83.11 प्रतिशत शेयरधारकों ने मत दिया। वहीं प्रधान को लोढ़ा के स्थान पर निदेशक नियुक्त करने का प्रस्ताव खारिज हो गया। इस प्रस्ताव के खिलाफ 81.45 प्रतिशत मत पड़े। इसी तरह अग्रवाल को निदेशक नियुक्त करने का प्रस्ताव भी 81.45 प्रतिशत मतों से खारिज हो गया। बिड़ला और लोढ़ा पिछले 17 साल से 5,000 करोड़ रुपये के बिड़ला एस्टेट का नियंत्रण हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई में उलझे हैं। एमपी बिड़ला की पत्नी प्रियंवदा देवी बिड़ला की मृत्यु के बाद से यह विवाद चल रहा है।