नई दिल्ली: एयर इंडिया के आंतरिक सुरक्षा ऑडिट में कई कमियां मिली हैं। इसकी जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की टीम द्वारा की जा रही है। DGCA को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन को केबिन निगरानी, कार्गो, रैंप और लोड में नियमित सुरक्षा मामलों की जांच करनी थी, लेकिन औचक इंस्पेक्शन के दौरान टीम ने पाया कि एयरलाइन ने सभी 13 मामलों में फर्जी रिपोर्ट तैयार की है। टीम ने जब CCTV, रिकॉर्डिंग, ऑडिट स्टेटमेंट, शिफ्ट रजिस्टर दस्तावेज के जरिये वेरिफिकेशन की तो रिपोर्ट के फर्जी होने का पता चला। इसके अलावा इन जाली जांच रिपोर्टों पर उड़ान सुरक्षा प्रमुख (सीएफएस) के साइन भी नहीं थे।नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दो सदस्यों वाले एक जांच दल ने एयर इंडिया की आंतरिक सुरक्षा ऑडिट प्रक्रियाओं में कमियों की पहचान की है। DGCA की दो सदस्य टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ”सीसीटीवी फुटेज, रिकॉर्डिंग, ऑडिट किए गए लोगों के बयान, शिफ्ट रजिस्टर दस्तावेज, जीडी लिस्ट, पैसेंजर्स डिटेल लिस्ट से तुलना करने पर यह समझ में आता है कि उपरोक्त 13 ऑन-द-स्पॉट की गई जांच केवल मुंबई, गोवा और दिल्ली स्टेशनों में की गई, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं किया गया।इधर एयर इंडिया की ब्रांडिंग पर काम चल रहा है। एयर इंडिया अब मस्कट के तौर पर महाराजा को टाटा कहने की तैयारी में है। अब महाराजा दूसरी भूमिका में दिख सकता है। टाटा ग्रुप ने पिछले साल जनवरी में एयर इंडिया को खरीदा था और तभी से इसे फिर से चमकाने की रणनीति पर काम चल रहा है। एयर इंडिया देश में आम लोगों की पसंदीदा एयरलाइन बनना चाहती है। इसके यात्रियों में बिजनस और कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव्स भी बड़ी संख्या होगी।पगड़ी पहनने वाले और बड़ी मूछों वाले महाराजा की अपनी सफल कहानी रही है। लेकिन वह आज के जमाने के कस्टमर्स से मेल नहीं खाता है। लंदन की ब्रांडिंग एंड डिजाइन कंसल्टेंसी फर्म फ्यूचरब्रांड को एयर इंडिया की ब्रांडिंग स्ट्रैटजी बनाने का काम दिया गया है।