हाइलाइट्स:नई कारों में फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए अनिवार्य एयरबैग (airbag) का नियम पहले से लागू है।कारों की कई पुराने मॉडलों में फ्रंट पैसेंजर (front passenger) के लिए एयरबैग की सुविधा नहीं है।सरकार ने सुरक्षा (safety) के लिए फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए एयरबैग अनिवार्य बनाया है।नई दिल्लीसरकार ने उन कार मालिकों को राहत दी है, जिनकी कार में फ्रंट सीट (front seat) के लिए एयरबैग (airbag) की सुविधा नहीं है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसे अनिवार्य रूप से लगवाने की समयसीमा चार महीने बढ़ा दी है। अब कार बनाने वाली कंपनियों को 31 दिसंबर तक यह काम पूरा कर लेना होगा।हालांकि, नई कारों के मामले में इसके नियम पहले जैसे रहेंगे। 1 अप्रैल से नई कारों में फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए अनिवार्य एयरबैग का नियम लागू है। सूत्रों का कहना है कि कोरोना (corona) की महामारी को देखते हुए नियम में ढील दी गई है। कार बनाने वाली कंपनियों को इसके लिए थोड़ा वक्त चाहिए। उन्हें अपनी प्रोडक्शन लाइन (production line) में थोड़ा बदलाव करना होगा।बीमा जागरूकता दिवस के अवसर पर समझिए वित्तीय सुरक्षा की अहमियतएक दूसरे फैसले में मंत्रालय ने माल की ढुलाई करने वाले भारी वाहनों की ऊंचाई बढ़ाकर 4.75 मीटर करने की इजाजत दे दी है। यह इजाजत सिर्फ ‘इंडिविजिबल लोग’ (Indivisible Load) के लिए दी गई है। इससे स्टील और ग्लास की ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को बड़ी राहत मिलेगी।दुनिया में फूड की बढ़ती कीमतों पर IMF चिंतित, जानिए कब तक आएगी नरमीइस बारे में दिल्ली स्थित थिंक टैंक आईएफटीआरटी (IFTRT) के सीनियर फेलो एस पी सिंह ने कहा, “इंडिविजिबल लोड की परिभाषा पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस प्रावदान का दुरुपयोग ट्रांसपोर्ट्स द्वारा किया जाएगा। एक तरफ हम सड़क पर होने वाली मौतों में कमी लाने की बात करते हैं, दूसरी तरफ ऐसे कदम उठाते हैं, जिससे सड़क सुरक्षा के साथ समझौता होता है।”यह है दुनिया की सबसे महंगी कार, जानें नाम और कीमत