नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह में खलबली मची हुई है। रिसर्च फर्म ने अडानी के अकाउंट में गड़बड़ी की बात कही। अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए अपनी सफाई दी। खबर आई कि अडानी समूह ने स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉनटन को चुना है। अब अडानी समूह की ओर से इस खबर पर सफाई दी गई है। अडानी समूह ने इन खबरों को अफवाह बताया है। उन्होंने इस खबर को खारिज करते हुए कहा कि ये बाजार में फैली एक अफवाह है। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले खबर आई कि अडानी समूह अपनी कंपनी अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट के शेयरों को बायबैक करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी 3000 करोड़ के शेयरों के बायबैक की योजना बना रही है, लेकिन कंपनी ने सामने आकर इसकी सफाई शेयर बाजार को दी। गौरतलब है कि अडानी समूह हिंडनबर्ग के हमले के बाद डैमेज कंट्रोल में जुड़ी है। खबर आई कि शॉर्ट सेलर कंपनी के दावों को खारिज करने के लिए कंपनी इंडिपेंडेंट ऑडिट करवा सकती है। मीडिया में खबरें आई कि इसके लिए इंडिपेंडेंट अकाउंटिंग फर्म ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) को हायर किया है।हालांकि अगले ही दिन उस कंपनी को लेकर भी सवाल उठने लगे। ग्रांट थॉर्नटन पर आरोप लगा कि ऑडिट फर्म पर ठीक से ऑडिट नहीं करने पर कई बार फाइन लग चुका है। इससे संबंधित एक फोटो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। हालांकि अब अडानी समूह ने खुद इन खबरों पर विराम लगा दिया है।