नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) वैश्विक न्यनूतम कर की ओईसीडी-जी20 रूपरेखा में शामिल होने के एक दिन बाद वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मुनाफा आवंटन में हिस्सेदारी और कर नियमों के विषय के दायरे सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को अभी हल किया जाना है। मंत्रालय ने कहा कि प्रस्ताव के तकनीकी ब्योरे आने के बाद इस बारे में ‘सहमति वाला करार‘ अक्टूबर तक हो सकता है। कुल 130 देशों ने बृहस्पतिवार को वैश्विक कर नियमों में आमूलचूल बदलाव की सहमति दी। इसके तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में कर देना होगा, जहां वे परिचालन कर रही हैं। कर की न्यूनतम दर 15 प्रतिशत होगी। भारत ऐसा सहमति वाला समाधान चाहता है जिसका क्रियान्वयन और अनुपालन आसान हो। मंत्रालय ने कहा कि इसके साथ ही समाधान ऐसा होना चाहिए जिससे बाजार क्षेत्रों को आवंटन अर्थपूर्ण और सतत रहे। खासकर विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि ओईसीडी/जी20 ने बृहस्पतिवार रात को एक उच्चस्तरीय वक्तव्य को स्वीकार किया। यह अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की वजह से पैदा होने वाली कर चुनौतियों से निपटने के लिए एक सहमति वाले समाधान के बारे में है। प्रस्तावित समाधान में दो तत्व शामिल हैं। पहला बाजार क्षेत्रों को मुनाफे के अतिरिक्त हिस्से का पुन: आवंटन तथा दूसरा न्यूनतम कर तथा कर नियमों से संबंधित है। मंत्रालय ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे मसलन मुनाफे के आवंटन तथा कर नियमों के विषय के दायरे के मुद्दे को अभी हल किया जाना है। इसके अलावा प्रस्ताव के तकनीकी ब्योरे पर अभी काम होना और यह आगामी महीनों में आएगी। ऐसे में करार पर सहमति अक्टूबर तक बनने की उम्मीद है।