​करोड़ों के कर्ज़ और मालिक की मौत के बाद बंद होने के कगार पर था कैफे कॉफी डे, कौन हैं मालविका जिन्होंने CCD को बचा लिया

​CCD बनने से पहले की कहानी​CCD की नींव साल 1996 में वीजी सिद्धार्थ ने रखी। साल1992 तक वीजी सिद्धार्थ ने क़रीब 6-7 हज़ार एकड़ में फैले कॉफ़ी के बागान ख़रीद लिए थे। शेयर बाजार से कुछ पैसे कमाए थे और कुछ पैसे पिता ने दिए थे, जिसकी मदद से उन्होंने कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की। 11 जुलाई 1996 को उन्होंने बेंगलुरु में Cafe Coffee Day का पहला आउटलेट्स शुरू किया। कॉफी को लेकर भारतीय युवाओं में दीवानगी बढ़ रही थी, जिसे CCD ने नई पहचान के दी। कैफे लोगों की मीटिंग का अड्डा बन गया।​कर्ज का बोझ, हार कर दे दी जान​साल 2000 तक कंपनी काफी मुनाफ़े में थी। साल 2015 से कंपनी के बुरे दिन की शुरुआत हो गई। विजी सिद्धार्थ ने दूसरे कारोबार नें हाथ आज़माना शुरू किया। मूल कारोबार के हटकर उन्होंने रियल एस्टेट व लॉजिस्टिक्स कारोबार में पैसा लगाना शुरू कर दिया। कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया। उनकी समस्या तब और बढ़ गई, जब इनकम टैक्स ने कंपनी पर 700 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का आरोप लगाया। एक तरफ बढ़ता कर्ज और दूसरे तरफ टैक्स चोरी का आरोप। साल 2019 तक कंपनी 6547 करोड़ रुपए के कर्ज़ में डूब गई। कर्ज और इनकम टैक्स के बीच मुश्किल में फंसे विजी सिद्धार्थ ने साल 2019 में नदी में कूदकर अपनी जान ले ली।​मालविका ने संभाली जिम्मेदारी​पति ने कर्ज के दबाब में आकर खुदकुशी कर ली। अब सारी जिम्मेदारी मालविका हेगड़े के पास आ गई। 7 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी और 25 हजार कर्मचारियों की जिम्मेदारी अब मालविका के कंधों पर आ गई। पति के मौत के बाद मालविका ने हिम्मत जुटाई और CCD को बचाने की मुहीम में जुट गई। 31 जुलाई 2019 तक कंपनी पर 7 हजार का कर्ज था। दिसंबर ने 2020 में मालविका CCD इंटरप्राइजेज लिमिटेड की सीईओ बनीं। उन्होंने कर्ज कम करने का काम शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले कर्मचारियों को खत लिखकर उसे भरोसा दिया कि वो कंपनी की स्थिति को सुधारने और अपने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर प्रतिबंद्ध हैं। साल 2021 में उन्होंने 1,644 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया।दो साल मे ंबदल दी तस्वीरमालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.एस कृष्णा की बेटी हैं। मालविका हेगड़े ने अमेरिकी कंपनी Blackstone और Shriram Credit company के साथ बिज़नेस एग्रीमेंट किया। कॉस्ट कटिंग के तरीके खोजे। अपनी सूझबूझ के साथ उन्होंने कंपनी का ककम कर 1731 करोड़ पर पहुंच दिया। आज देश के 165 शहरों में CCD के क़रीब 572 आउटलेट्स । कंपनी का रेवेन्यू बढ़ाकर मालविका ने कर्ज को 465 करोड़ पर पहुंचा दिया है। सबसे खास बात कि उन्होंने पति की मौत के बाद दोनों बच्चों को संभालते हुए कंपनी को बचाने में जिम्मेदारी निभाई। मालविका ने जब दो साल पहले कंपनी संभाली, जब से लेकर अब तक वो कर्ज को 95 फीसदी तक कम कर चुकी हैं।