तिरुवनंतपुरम, तीन जुलाई (भाषा) औद्योगिक समूह काइटेक्स गार्मेन्ट्स लि. द्वारा केरल से अपनी निवेश परियोजना को वापस लेने की घोषणा के कुछ दिन बाद केरल सरकार ने शनिवार को समूह को आश्वासन दिया कि इस मसले को हल करने के लिए ‘सकारात्मक कदम’ उठाए जाएंगे। दुनिया में बच्चों के परिधान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने का दावा करने वाले काइटेक्स समूह ने कहा है कि उसे दस से अधिक राज्यों से अनौपचारिक तथा तमिलनाडु से आधिकारिक तौर पर निवेश के लिये निमंत्रण पेशकश मिली है। जबकि केरल सरकार ने उससे संपर्क के लिए कोई प्रयास नहीं किया। केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव ने कहा कि कंपनी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और इसके समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। राजीव ने बाद में कोच्चि में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने कंपनी की शिकायतों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों को जैकब से मिलने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि कंपनी से जुड़ा विवाद बहुत कम ही बार होता है और इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। केरल सरकार की उद्योगों पर अचानक छापे मारने की कोई नीति नहीं है। किसी भी संस्था के खिलाफ गंभीर प्रकृति की शिकायत होने पर ही ऐसी कार्रवाई की जाती है। राजीव ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 5 जुलाई को एक बैठक बुलाई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि औद्योगिक उद्यमियों को सभी संबंधित सरकारी विभागों द्वारा आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि समूह को सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतों को बता कर राज्य के लिए शर्मिंदगी पैदा करने से पहले सरकार को इस मुद्दे को हल करने का मौका देना चाहिए था। इससे पहले काइटेक्स समूह के चेयरमैन साबू जैकोब ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि कई राज्यों के प्रमुख सचिव और मंत्रियों ने केरल के बजाय उनके राज्य में 3,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए कहा हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। जैकब ने मीडियाकर्मियों से भी मुलाकात की और बताया कि उद्योग विभाग के अधिकारी उनसे मिलने आए हैं और उन्होंने उन्हें एक रिपोर्ट दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को या तो उनकी कंपनी के खिलाफ प्रदूषण के आरोपों को साबित करना चाहिए या उनकी विभिन्न औद्योगिक इकाइयों पर छापा मारने वाले अधिकारियों को निलंबित करना चाहिए। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ माकपा द्वारा राजनीतिक बदला लेने के तहत काइटेक्स को परेशान किया जा रहा है। औद्योगिक समूह ने कहा कि उसने परियोजना से हटने का निर्णय किया है। इस परियोजना को लेकर उसने जनवरी 2020 में कोच्चि में राज्य सरकार द्वारा आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये थे। जैकब ने कहा था कि 40-50 की संख्या में अधिकारियों ने फैक्ट्री इकाइयों में प्रवेश किया, तलाशी ली, महिला कर्मचारियों तथा श्रमिकों को अपना काम करने से रोका, उन्हें पीटा और परेशान किया।उनका दावा है कि अधिकारियों ने उनके कारखाना परिसरों में जांच के पीछे की कोई वजह नहीं बताई और न यह बताया कि कंपनी ने किसी नियम अथवा कानून का उल्लंघन किया है जिसकी वजह से तलाशी ली गई।