नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली घटकर क्रमश: 3.9 और 3.97 प्रतिशत रह गई। वहीं, कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति एक महीना पहले जुलाई में क्रमश: 3.92 और 4.09 प्रतिशत रही थी। श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) अगस्त 2021 में क्रमश: 3.90 प्रतिशत और 3.97 प्रतिशत रही। इससे पिछले महीने जुलाई में यह 3.92 प्रतिशत और 4.09 प्रतिशत तथा एक साल पहले अगस्त में 6.32 प्रतिशत और 6.28 प्रतिशत पर थी। इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति अगस्त 2021 में घटकर क्रमश: 2.13 प्रतिशत और 2.32 प्रतिशत रह गई, जो जुलाई 2021 में क्रमश: 2.66 प्रतिशत और 2.74 प्रतिशत थी। एक साल पहले समान महीने में यह क्रमश: 7.76 प्रतिशत और 7.83 प्रतिशत थी। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़ा अगस्त में क्रमश: पांच अंक और चार अंक बढ़कर 1,066 और 1,074 अंक हो गया। कृषि श्रमिकों के मामले में 1,247 अंक के साथ तमिल नाडु सूचकांक चार्ट में सबसे ऊपर रहा, वहीं हिमाचल प्रदेश 839 अंक के साथ सबसे नीचे रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में 1,235 अंक के सूचकांक के साथ कर्नाटक सबसे ऊपर और बिहार 872 अंक के साथ सबसे नीचे रहा। आंध्र प्रदेश में कृषि श्रमिकों का सूचकांक 15 अंक और ग्रामीण श्रमिकों का सूचकांक 16 अंक बढ़ा है। इसमें मुख्य रूप से चावल, रागी, शुष्क मछली, चीनी, तैयार, चाय, सूती कपड़ा, चमड़ा प्लास्टिक के जूते, साबुन, बालों का तेल और नाई द्वारा लिया जाने वाला शुल्क बढ़ने से सूचकांक बढ़ा।