नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) केंद्र ने बृहस्पतिवार को बीज उद्योग से कहा कि वह असली के ठप्पे वाले कृषि बीजों के प्रमाणीकरण में पारदर्शिता लाए। हालांकि सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि वह बीज उद्योग की चिंताओं के समाधान का प्रयास करेगी। एसोचैम द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, ‘‘बेहतर बीज उपलब्ध कराना प्राथमिकता है क्योंकि उत्पादकता में सुधार के लिए यह बुनियादी जरूरत है, फिर प्रौद्योगिकी और अन्य पहलू आते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसानों को समय पर, किफायती और साथ ही गुणवत्तापूर्ण बीज मिले और इस संबंध में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि सरकार और उद्योग के बीच उठ रहे मुद्दों से किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को यह देखने की जरूरत है कि उद्योग की चिंताएं – चाहे वह छोटी कंपनियां ही क्यों ना हों जिन्हें सच्चे लेबल वाले बीजों के प्रमाणीकरण में समस्या हो रही हो या अन्य चुनौतियां झेलनी पड़ रही हों – चे किसी भी तरह से किसानों को प्रभावित न करें। असली लेबल वाले बीज पर कृषि संयुक्त सचिव अश्विनी कुमार ने कहा, ‘ इसली मसल के लेबल वाले बीजों पर सरकार प्रतिबंध नहीं लगाएगी. लेकिन, उन्होंने बीज उद्योग से प्रमाणन में पारदर्शिता लाने को कहा। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां प्रमाणीकरण प्रदान करती हैं और बीजों को अपने उत्पादों के रूप में बेचती हैं, लेकिन कई छोटी कंपनियां बाजार से बीज खरीदती हैं और उन्हें असली बीज के ठप्पे के तहत प्रमाणित करवाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम असली के ठप्पे वाले बीजों की विश्वसनीयता और उनके बीजों की गुणवत्ता परीक्षण सुनिश्चित करने के प्रावधानों पर उद्योग के साथ चर्चा कर रहे हैं।’’ कुमार ने आगे कहा कि सरकार बीज प्रमाणन एजेंसी को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे और जनशक्ति समर्थन को बढ़ावा देना चाहती है ताकि बीज प्रमाणीकरण की लागत कम हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दलहन और तिलहन क्षेत्रों में संघों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी व्यवस्था में नई किस्मों के बीजों का उत्पादन करना चाहती है, और इन दो जिंसो में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उपाय करना चाहती है।