तिरूवनंतपुरम, 28 जून (भाषा) केरल के प्रवासियों की जमा महामारी से प्रभावित 2020 में 14 प्रतिशत बढ़कर 2.27 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी। विश्वबैंक का यह आंकड़ा इस अनुमान को गलत ठहराता है कि 12 लाख प्रवासियों के अपने गृह राज्य लौटाने से केरल की आर्थिक समस्या बढ़ी है। विश्वबैंक के आंकड़े के अनुसार देश में 2020 में 83 अरब डॉलर दूसरे देशों से मनीआर्डर के रूप में भेजे गये। यह 2019 के 83.3 अरब डॉलर के मुकाबले केवल 0.2 प्रतिशत कम है। आंकड़े के अनुसार केरल में हर महीने बाहर से भेजी जाने वाली राशि यानी धन प्रेषण प्रति प्रवासी भारतीय (एनआरआई) 267 डॉलर घटी है। हालांकि यह राज्य के नीति निर्माताओं द्वारा 25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका से काफी दूर है। राज्य स्तरीय बैंकों की समिति (एसएलबीसी) के आंकड़े के अनुसार दिसंबर 2020 के अंत में एनआरआई जमा 2,27,430 करोड़ रुपये थी जो 2019 में 1,99,781 करोड़ रुपये के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक है। हालांकि सितंबर 2020 से तुलना करने पर यह 2,22,029 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 2 प्रतिशत अधिक है। विश्वबैंक की पलायन और विकास पर हाल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) देशों में काम करने वाले 40 लाख से अधिक लोगों से करीब 12 लाख प्रवासी 2020 में केरल लौटे। महामारी के कारण नौकरी जाने से वे वापस आने को मजबूर हुए। इसमें कम कार्य कुशल कामगार ज्यादा प्रभावित हुए।’’ विदेशों में काम करने वाले इन लोगों का केरल की आय में 30 प्रतिशत का योगदान है।