नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मुंबई हाई फील्ड में 816 करोड़ रुपये की उच्च दबाव वाली गैस जलकर नष्ट होने को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी की खिंचाई की है। कैग की मंगलवार को संसद में पेश लेखा-परीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 2012-13 से लेकर 2019-20 के बीच ओएनजीसी के पास अतिरिक्त गैस कम्प्रेसर नहीं होने और बिजली आपूर्ति ठप होने से मुंबई हाई फील्ड में 816 करोड़ रुपये की उच्च दबाव वाली गैस व्यर्थ हो गई थी। उसने कहा है कि गैस उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी है कि इसके लिए सभी जरूरी संसाधन सही जगह और सही स्थिति में मौजूद हों। लेकिन ऐसा नहीं होने से 2012-13 से लेकर 2019-20 के दौरान करोड़ों रुपये की उच्च दबाव वाली गैस जलकर नष्ट हो गई। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक अन्य तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने आंध्र प्रदेश के बिक्री कर नियमों का उल्लंघन करते हुए उपभोक्ताओं से 262.60 करोड़ रुपये कारोबार कर की वसूली की थी। हालांकि बाद में उसने तेलंगाना सरकार को 65.65 करोड़ रुपये लौटाकर मामले को निपटा दिया लेकिन इस प्रक्रिया में उसे 196.95 करोड़ रुपये का अनुचित फायदा हुआ।