नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) कंपनियों के निदेशक मंडल अब वीडियो कांफ्रेन्स या अन्य दृश्य-श्रव्य माध्यमों से होने वाली बैठकों में सालाना वित्तीय ब्योरा तथा विलय समेत अन्य मामलों में मंजूरी दे सकते हैं। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने कोरोना वायरस महामारी के बीच आमने-सामने के बजाए ‘ऑनलाइन’ हो रही बैठकों को देखते हुए कंपनी कानून, 2013 के तहत संबंधित नियमों में संशोधन किया है। जो नियम संशोधित किये गये हैं, वे निदेशक मंडल की बैठक और उसकी शक्तियों से संबंधित हैं। नांगिया एंडरसन एलएलपी भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि कंपनी कानून हमेशा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित करने की अनुमति देता है, लेकिन वित्तीय ब्योरे को मंजूरी देने और बोर्ड की रिपोर्ट को मंजूरी देने जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भौतिक यानी आमने-सामने की बैठकों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी के कारण सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, एमसीए ने उन मामलों की सूची को समाप्त कर दिया है जो दृश्य-श्रव्य माध्यमों से संचालित किए जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से यह सुनिश्चित किया गया है कि कंपनियों के सामने आने वाली बाधाएं कम हों और और प्रौद्योगिकी की सहायता से व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाया जा सके।’’ इससे पहले, नियमों के तहत उन मामलों की एक सूची का उल्लेख किया गया था जिन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य दृश्य-श्रव्य माध्यमों से कंपनी के निदेशक मंडल नहीं निपटा सकते थे। इसके तहत वार्षिक वित्तीय ब्योरा, निदेशक मंडल की रिपोर्ट, विलय, अधिग्रहण और कंपनी के अलग होने से संबंधित मामले तथा बही-खातों पर विचार के लिए लेखा परीक्षा समिति की बैठकें आयोजित करने की अनुमति नहीं थी। अब ताजा संशोधन के साथ सूची समाप्त कर दी गयी है। इस संदर्भ में मंत्रालय ने 15 जून को कंपनी (निदेशक मंडल की बैठकों और उसकी शक्तियां) संशोधन नियम, 2021 अधिसूचित किया है। झुनझुनवाला के मुताबिक अब सभी मामलों के लिये वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हो सकेगी और कंपनियों का कामकाज तेज गति से आगे बढ़ सकेगा।