हाइलाइट्स:जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी का मानना है कि बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए चुनैतियां अभी बनी हुई हैं।पिछले साल (Last Year) जून के आखिर में एक बिटकॉइन की कीमत 10,000 डॉलर से कम थी।दुनियाभर में बिटकॉइन की माइनिंग (mining of bitcoin) में चीन की हिस्सेदारी 70 फीसदी तक रही है।नई दिल्लीबिटकॉइन (bitcoin) का भाव अप्रैल के मध्य में करीब 65,000 डॉलर पहुंच गया था। यह इसका सबसे ऊंचा भाव था। अभी इसका भाव 30,000 डॉलर के करीब चल रहा है। इस तरह दो महीने में इसका भाव आधा से कम रह गया है। इससे बिटकॉइन के निवेशकों को बहुत नुकसान हुआ है। जानकारों का कहना है कि बिटकॉइन के लिए चुनौतियां (challenges) खत्म नहींहुई हैं। इसका मतलब है कि इसका भाव और गिर सकता है।जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी (JPMorgan Chase & Co) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निकट भविष्य में बिटकॉइन के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं। उसने कहा है कि ब्लॉकचेन (blockchain) डेटा से यह संकेत मिलता है कि हाल में क्रिप्टोकरेंसी में हुई बिकवाली की वजह नुकसान कम करना था। मारुति के शेयर 5 दिन में 11% चढ़े, क्या है इस तेजी की वजह?बिटकॉइन की कीमतों में आई गिरावट की एक वजह टेस्ला (Tesla) के चीफ एग्जिक्यूटिव अफसर (CEO) एलन मस्क (Elon Musk) का ट्वीट है। दूसरी वजह क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) खासकर बिटकॉइन के खिलाफ चीन (china) की बड़ी कार्रवाई है। चीन का रुख हमेशा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत सख्त रहा है। 2013 में चीन के केंद्रीय बैंक (Central bank) ने वित्तीय संस्थाओं को बिटकॉइन से जुड़े ट्रांजेक्शन करने पर रोक लगा दी थी। तब बिटकॉइन की कीमत कुछ ही महीने में 100 डॉलर से 1000 डॉलर हो गई थी।चीन ने इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (initial coin offering) पर भी रोक लगा दी थी। उसने 2017 में देश में चलने वाले बिटकॉइन एक्सचेंजों पर रोक लगा दी थी। हाल के महीनों में चीन की सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्ती और बढ़ा दी है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर पूरी तरह रोक लगाने पर विचार कर रही है। कोरोना की तीसरी लहर आ भी गई तो शेयर बाजार पॉजिटिव दिखेगा: चांडकमई में चीन के उप-प्रधानमंत्री लियू हे और स्टेट काउंसिल (State Council) ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्ती बढ़ने के संकेत दिए थे. इसमें कहा गया था कि बिटकॉइन की माइनिंग (mining) और ट्रेडिंग (trading) से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाना जरूरी है। सरकार की चेतावनी के तुरंत बाद क्रिप्टोकरेंसी के कई माइनर्स ने पिछले महीने अपनी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी। इनमें हैशकाउ (hashcow) और बीटीसी डॉट टोओपी (BTC Dot TOP) शामिल थे। चीन में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग बंद होने का बड़ा असर इसकी कीमतों पर पड़ा। इसकी वजह यह है कि दुनिया की क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में चीन के माइनर्स (miners) की 70 फीसदी तक हिस्सेदारी है। इस महीने की शुरुआत में चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वेइबो ने क्रिप्टो से जुड़े कई अहम अकाउंट ब्लॉक कर दिए। उसने नियम और कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यह कदम उठाया। चीन की इस सख्ती से कई माइनर्स हताशा में अपनी मशीनें बेच रहे हैं। वे क्रिप्टो की माइनिंग से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियां बंद कर देना चाहते हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ माइनर्स कजाकिस्तान जैसे देशों में अपना कामकाज ले जा रहे हैं।BitCoin में निवेश से रातोंरात अमीर बनने में मिलेगी मदद!