नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) गेल (इंडिया) लिमिटेड नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कम से कम एक गीगावाट का पोर्टफोलियो तैयार करने के साथ ही संपीड़ित बायोगैस तथा इथेनॉल संयंत्रों की स्थापना के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी ने प्राकृतिक गैस से इतर कारोबार का विस्तार करने के लिए यह फैसला किया है। गेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के तहत गेल उपभोग केंद्रों को गैस स्रोतों से जोड़ने के लिए पाइपलाइन बुनियादी ढांचा तैयार करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही एक ऐसे कारोबार में हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल है – गैस। अब हम कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण में कटौती के लिए सरकार और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं।’’ सौर या पवन ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली ऊर्जा का सबसे स्वच्छ स्रोत है, हालांकि नगरीय अपशिष्ट को बायोगैस में परिवर्तित करके स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा गेल इथेनॉल इकाइयों की स्थापना भी करेगी, जो कृषि अपशिष्ट या गन्ने को कम प्रदूषणकारी ईंधन में परिवर्तित कर सकते हैं। इथेनॉम को पेट्रोल में मिलाया जा सकता है, जिससे भारत की आयात निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और कम से कम दो संपीड़ित बायोगैस संयंत्र और एक इथेनॉल संयंत्र की स्थापना पर लगभग 800 से 1,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।