कोलकाता, 25 जून (भाषा) मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि बड़े पैमाने पर विनिर्माण क्षमता सृजित करने के लिये सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन(पीएलआई) योजना लायी है लेकिन यह गैर-प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में जो बाधाएं हैं, उनसे होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं करती। उन्होंने उन नीतियों की वकालत की जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए लागत को कम करके विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने में मददगार हो। भार्गव ने उद्योग मंडल द बंगाल चैंबर के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पीएलआई योजना से कुछ क्षेत्रों और उत्पादों को लाभ होगा। लेकिन यह गैर-प्रतिस्पर्धा से जुड़ी बाधाओं की भरपाई नहीं करेगी।’’सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में 13 क्षेत्रों के लिये 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इस योजना का मकसद सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। एक सवाल के जवाब में, भार्गव ने कहा कि कंपनी नये कारखाने लगाने पर विचार नहीं कर रही क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से उद्योग के लिये सीएजीआर (संचयी सालाना वृद्धि दर) दो प्रतिशत से कम है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें केवल गुड़गांव से दूसरी जगह जाने के लिए जगह की तलाश करनी है। गुजरात में कुछ अतिरिक्त जमीन है।’’ हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा। पश्चिम बंगाल में उद्योग के पुनररूद्धार के संदर्भ में उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि लागत प्रतिस्पर्धी हो।