मुंबई, 27 जून (भाषा) महामारी से प्रभावित हवाईअड्डों के ग्राउंड हैंडलिंग संचालकों ने मौजूदा संकट से उबरने के लिए सरकार के मदद मांगी है। उनकी मांगों में कम से कम दो साल के लिए बैंक रिणों के ब्याज शुल्कों पर रोक और स्थिति के सामान्य होने तक हवाईअड्डे के संचालकों को किराया शुल्क आदि न लेने का निर्देश देना शामिल है। पिछले वित्तीय वर्ष में उद्योग को 800 से 900 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। यह नुकसान मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय परिचालन बंद होने की वजह से हुआ क्योंकि इस सेवा उद्योग के कुल व्यापार का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय परिचालन से आता है। मांगों में सरकार से एक योजनाबद्ध और पुनर्व्यवस्थित तरीके से विदेशी उड़ानें दोबारा चालू करने की मांग शामिल है। उद्योग संगठन ग्राउंड हैंडलिंग एसोसियेशन ऑफ इंडिया (जीएचआईए) ने नागरिक उड्डयन मंत्री को हाल में दिए एक पत्र में कहा कि पिछले दो महीने उद्योग के लिए काफी ‘चुनौतीपूर्ण’ रहे और स्थिति को देखते हुए सरकार को मुआवजे और सहायता उपाय पेश करने चाहिए ताकि इस संघर्षपूर्ण दौर से उबर सके। संगठन ने कहा, “नागरिक उड्डयन मंत्रालय को बैंकों को कम से कम दो वर्षों के लिए रिणों पर ब्याज स्थगित रखने की सलाह देने पर विचार करना चाहिए।” उसने कहा, “सरकार को एयरपोर्ट संचालकों पर परिचालन, प्रबंधन एवं विकास समझौते (ओएमडीए) संबंधित रॉयल्टी की छोड़ने के लिए भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) से कहना चाहिए और हवाई अड्डे उसका लाभ ग्राउंड हैंडलर सहित सभी हितधारकों के साथ साझा करें।”