नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) देश का प्लास्टिक के सामानों का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 20 से 25 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। भारतीय प्लास्टिक निर्यात संवर्द्धन परिषद (प्लेक्सकॉन्सिल) के चेयरमैन अरविंद गोयनका ने कहा कि अनुकूल बाजार परिस्थितियों तथा अमेरिका और यूरोप जैसे महत्वपूर्ण गंतव्यों से मांग में सुधार की वजह से प्लास्टिक निर्यात में उल्लेखनीय इजाफा होगा। गोयनका ने कहा कि निर्यातकों के पास इस समय अच्छे आर्डर है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में सरकार के समर्थन की जरूरत है, क्योंकि यह क्षेत्र रोजगार सृजन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘2021-22 में हम निर्यात में 20 से 25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। यह 2020-21 के 9.5 अरब डॉलर से बढ़कर 12 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई की अवधि में हमने एक अरब डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया है। सरकार के समर्थन से हम निर्यात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकेंगे।’’ गोयनका ने कहा कि यह क्षेत्र कई चुनौतियों मसलन कच्चे माल की अपर्याप्त उपलब्धता तथा कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ढुलाई भाड़े में वृद्धि, कंटेनरों की कमी और कुछ मुक्त व्यापार करारों की वजह से उलट शुल्क ढांचे (जहां आयातित माल की तुलना में कच्चे या मध्यवर्ती मामल पर कर की दर ऊंची होती है) का सामना कर रहा है। उलट शुल्क ढांचे में कच्चे माल पर कराधान तैयार उत्पाद से अधिक होता है। उन्होंने कहा कि आसियान के सदस्यों थाइलैंड और वियतनाम के साथ भारत का मुक्त व्यापार करार है। ये इस क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी हैं और उन्हें करार की वजह से भारतीय बाजार में तरजीही पहुंच उपलब्ध हो रही है।