नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों में प्रचुर विभिन्न फसलों के बीज तैयार किये हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिये ताजा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में ध्यान अधिक उत्पादन वाले फसल की किस्मों पर दिया गया। उस समय पोषण, जलवायु की समस्या से निपटने और अन्य पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उन फसल की किस्मों में महत्वपूर्ण पोषक तत्व जरूरी स्तर से नीचे थे। साथ ही वे कीटों और विषाणु तथा तेज धूप, हवा (बॉयोटिक और अबॉयोटिक समस्याएं) जैसी चीजों से तुरंत प्रभावित हो जाते थे। सीतारमण ने कहा कि आईसीएआर ने ऐसी फसलों की किस्में विकसित की हैं, जिसमें प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये बीज रोगों, कीटों, सूखा, लवणता और बाढ़ को झेलने में सक्षम हैं और जल्दी तैयार होते हैं…चावल, मटर, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, अरहर और ज्वार समेत अन्य फसलों की 21 ऐसी किस्में राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी।’’ वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन पैकेज के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) के लिए 77.45 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज ऐलान किया ताकि क्षेत्र के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके। निगम का गठन 1982 में पूर्वोत्तर में किसानों को कृषि-बागवानी उत्पादों के लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता करने के किया गया था। इसका उद्देश्य क्षेत्र में कृषि, खरीद, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है। कुल 75 किसान उत्पादक संगठन/किसान उत्पादक कंपनियां एनईआरएएमएसी के पास पंजीकृत हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि इसने पूर्वोत्तर की 13 भौगोलिक संकेतक (जीआई) फसलों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। कंपनी ने बिचौलियों/एजेंटों को दरकिनार कर किसानों को 10-15 फीसदी अधिक कीमत देने के लिए व्यापार योजना तैयार की है उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी ने जैविक खेती के लिए पूर्वोततर केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया है….।’