नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) बंद पड़ी जेट एयरवेज के लिये सफल बोली लगाने वाला जालान कालरॉक समूह एयरलाइन में 1,375 करोड़ रुपये की नकद राशि डालेगा। इसमें रिणदाताओं को अपने कर्ज के एवज में भारी कटौती झेलनी पड़ेगी क्योंकि इस समाधान योजना के तहत उन्हें शुरुआत में केवल 185 करोड़ रुपये ही प्राप्त होंगे। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 22 जून को जेट एयरवेज के लिये कालरॉक समूह की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। जेट एयरवेज जून 2019 से दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। एयरलाइन ने अप्रैल 2019 में उड़ान परिचालन बंद कर दिया था। जालान कालरॉक समूह ने कुल 1,375 करोड़ रुपये की नकदी डालने का प्रसताव किया था। इसमें वित्तीय रिणदाताओं सहित हितधारकों को भुगतान के लिये 475 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। न्यायाधिकरण द्वारा बुधवार को प्रकाशित किये गये विस्तृत आदेश के मुताबिक एयरलाइन के सुनियोजित ढंग से काम करने के लिये कार्यशल पूंजी जरूरतों और पूंजी वयय के लिये 900 करोड़ रुपये की राशि निवेश की जायेगी। वहीं 475 करोड़ रुपये की राशि में कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया की लागत भी शामिल है। एयरलाइन के वित्तीय रिणदाताओं ने 7,807.75 करोड़ रुपचये का दावा किया था। इस लिहाज से उन्हें समाधान योजना में भारी कटौती का सामना करना होगा।