जिस कंपनी ने अंबानी को बनाया सबसे अमीर, अब उसी को बेचने की आ गई नौबत

नई दिल्ली: रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) का कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है। धीरूभाई अंबानी ने साल 1958 में इसकी नींव डाली थी। धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के निधन के बाद साल 2002 में रिलायंस ग्रुप का बंटवारा हुआ था। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को पुराने बिजनस जैसे पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल रिफाइनरी, तेल-गैस कारोबार से संतोष करना पड़ा था। वहीं अनिल अंबानी के हिस्से में नए जमाने के बिजनस जिसमें फाइनेंस और एनर्जी शामिल हैं आए थे। लेकिन आज मुकेश अंबानी जहां एशिया के सबसे अमीर शख्स हैं। वहीं अनिल अंबानी (Anil Ambani) भारी कर्ज में डूब चुके हैं।अब हालात ये हैं कि अनिल अंबानी को एक समय सबसे अमीर बनाने वाली कंपनी भी अब बिकने जा रही है। दरअसल अनिल अंबानी अपनी कंपनी रिलायंस कैपिटल को अरबपति फैमिली (Hinduja Group) को बेच सकते हैं। अनिल अंबानी आर्थिक संकट से निकलने के लिए इस कंपनी को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कंपनी की बातचीत चल रही है।अडानी-अंबानी पर भारी पड़े मस्क और जुकरबर्ग, 6 महीने में कमा लिए दोनों की नेटवर्थ से ज्यादा रुपयेभारी घाटे में कंपनीमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल भारी घाटे से गुजर रही है। इसकी साल 2018 में कीमत करीब 93,851 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब यह लगातार नुकसान में जा रही है। इसी वजह से इसे बेचने की तैयारी की जा रही है। हिंदुजा ग्रुप की फर्म इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड की ओर से रिलायंस कैपिटल को खरीदने और इसे फिर से प्रॉफिट में लाने की योजना बनाई गई है। दूसरे दौर में बोली लगाने वाली ये अकेली कंपनी थी। इसने 9661 करोड़ रुपये की रेकॉर्ड बोली लगाई थी।भारत में है दुनिया का सबसे बड़ा घर, इसके आगे मुकेश अंबानी का एंटीलिया और बकिंघम पैलेस भी पड़ जाते हैं फीकेपरेशानियों में फंसे अंबानीअनिल अंबानी को बिजनस में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों से वह लिए गए कर्ज से परेशान हैं। चीन के बैंकों से कर्ज से जुड़े विवाद में उन्होंने इंग्लैंड हाईकोर्ट में दलील रखते हुए अपनी नेटवर्थ जीरो बताई थी। अनिल अंबानी ने खुद को दिवालिया बताया था। उन्होंने कहा था कि वह कर्ज का बकाया नहीं चुका सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में कहा था कि परिवार के लोग भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाएंगे।