कोलकाता, 27 जून (भाषा) केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की अधीनस्थ स्थायी परामर्श समिति वर्ष 2020-21 में जूट की बोरियों में वस्तुओं की पैकेजिंग के लिए आरक्षण पर समीक्षा, विचार और सिफारिश की खातिर 30 जून को बैठक करेगी। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुछ हलकों में यह डर है कि केंद्र सरकार आरक्षण कम कर सकती है। एक स्रोत ने कहा, “यह माना जाता है कि सरकार ने जूट की बोरियों में खाद्यान्नों की पैकेजिंग के लिए 100 प्रतिशत और चीनी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण बनाए रखा है।” देश के करीब तीन-चौथाई कच्चे जूट का उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है। इसके बाद बिहार और असम जूट के शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। पश्चिम बंगाल की 70 जूट मिलों में 2.5 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं।