नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। इसमें कीटनाशकों के छिड़काव के साथ-साथ अन्य मृदा एवं फसल पोषक तत्वों के लिए ड्रोन का उपयोग शामिल है। उन्होंने एक बयान में कहा कि ड्रोन तकनीक को अपनाना समय की जरूरत है और इससे किसानों को फायदा होगा। कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए एसओपी जारी करते हुए, तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 से सरकार की नीतियों का उद्देश्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) के गठन से छोटे किसानों के जीवन में क्रांति आएगी। तोमर ने आगे कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में टिड्डियों के हमलों को रोकने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ताकि कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के संदर्भ में स्थायी समाधान प्रदान किया जा सके। मंत्रालय ने इस क्षेत्र के सभी संबंधित पक्षों के परामर्श से कीटनाशक और पोषक तत्वों के अनुप्रयोग में ड्रोन के उपयोग के लिए एसओपी लाया है जो ड्रोन के प्रभावी और सुरक्षित संचालन के लिए संक्षिप्त निर्देश प्रदान करते हैं। मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), जिन्हें आमतौर पर ड्रोन के रूप में जाना जाता है, में भारतीय कृषि में क्रांति लाने और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के संदर्भ में काफी संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय ड्रोन नीति को अधिसूचित कर दिया गया है और ड्रोन नियम 2021 को लोगों और कंपनियों के लिए अब ड्रोन के स्वामित्व और संचालन के लिए काफी आसान बना दिया गया है। अनुमतियों के लिए अपेक्षित शुल्क को भी काफी कम कर दिया गया है।